
dgp bhupendra yadav
रक्तिम तिवारी/अजमेर. हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल को विभिन्न मामलों की तफ्तीश का अधिकार (inqury right) जल्द मिलेगा। अनुभवी और योग्य हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल को दिसंबर तक आवश्यक प्रशिक्षण (training) दिया जाएगा। जनवरी से इन्हें विभिन्न मामलों की जांच सौंपी जाएगी। यह बात पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. भूपेंद्र यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कही।
डॉ. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपराधिक मामलों की त्वरित जांच और तफ्तीश के लिए हैड कांस्टेबल (head constable) और कांस्टेबल (constable) को भी अनुसंधान के लिए अधिकृत करने को कहा है। पुलिस मुख्यालय ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अनुभवी और योग्य हैड कांस्टेबल को चिन्हित किया जा रहा है।
इन्हें अनुसंधान (investigation) में अपनाए जाने वाले संसाधन, तकनीकी जानकारी और अहम बिंदुओं की जानकारी प्रशिक्षण में दी जाएगी। दिसंबर अंत तक प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी होगी। जनवरी में पुलिस को प्रशिक्षित हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल का पहला बैच मिलेगा।
यह होगी योग्यता...
अनुसंधान की गुणवत्ता (quality) और गंभीरता को देखते हुए योग्यता भी तय की गई है। स्नातक और नौ वर्ष की पुलिस सेवा तथा अश्योर्ड कॅरियर प्रोग्रेस (एसीपी) प्राप्त करने वाले कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल को ही इसमें चुना जाएगा। इसके अलावा थाने (police thana) अथवा पुलिस चौकी (police chowky) में पांच साल की सेवा पूरी कर चुके कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल को भी शामिल किया जाएगा।
करनी होगी परीक्षा उत्तीर्ण
अनुसंधान का प्रशिक्षण लेने के बाद उन्हें पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा निर्धारित परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी जरूरी होगी। हैड कांस्टेबल को सात साल और कांस्टेबल का दो साल तक के दंडनीय अपराधों की तफ्तीश की जिम्मेदारी दी जा सकेगी। इनके द्वारा किए जाने वाले तफ्तीश-अनुसंधान की मॉनिटरिंग संबंधित पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक करेंगे।
Published on:
06 Dec 2019 07:45 am
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