
वैशालीनगर से रीजनल कॉलेज चारौहे तक के मार्ग पर सौंदर्यीकरण के अंतर्गत बड़े-बड़े फ्लावर पॉट लगाए गए थे। इन बड़ों गमलों में हरीतिमा के लिए रंग-बिरंगे फूलों के पौधे भी थे। लेकिन नियमित सार-संभाल और देखभाल के अभाव में कई फ्लावर पॉट टूट गए हैं और डिवाइडर पर गिरे पड़े हैं। वहीं इनमें फूल-पौधों की जगह केवल सूखी घास रह गई है।

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