
अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज तक पहुंची व्यापमं घोटाले की आंच
मनीष कुमार सिंह
अजमेर. बहुचर्चित मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच की आंच अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज तक पहुंच गई है। मध्यप्रदेश में 2011 में मेडिकल एवं व्यावसायिक भर्ती में हुए घोटाले में कॉलेज के छात्र की भी लिप्तता सामने आई है। प्रकरण की अनुसंधान में जुटी सीबीआई (केन्द्रीय जांच ब्यूरो) ने कॉलेज प्रशासन से 2011 में एमबीबीएस के छात्र की उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा है।
प्रकरण में अनुसंधान कर रहे सीबीआई के इंस्पेक्टर ने जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पत्र लिखकर साल 2011 में मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र रहे डॉ.प्रदीप कुमार विश्नोई के संबंध में पड़ताल की है। सीबीआई ने डॉ. विश्नोई के प्रथम वर्ष का छात्र रहने के दौरान साल 2011 में 20-29 सितम्बर तक मेडिकल कॉलेज में उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा है।
विभाध्यक्षों से भी रिकॉर्ड तलब
सीबीआई ने कॉलेज प्रशासन के साथ में प्रथम वर्ष के एनॉटोमी, फिजियोलॉजी व बायो कैमेस्ट्री के विभागाध्यक्ष से छात्र डॉ. प्रदीप विश्नोई की कॉलेज में उपस्थिति का रिकॉर्ड मांगा है। गौरतलब है कि डॉ. विश्नोई अब एमबीबीएस कर चुके है।
विश्नोई की लिप्तता!
सीबीआई को विश्नोई के 2011 में मध्यप्रदेश में हुए पीएमटी एग्जाम में किसी अन्य छात्र के स्थान पर बैठने की लिप्तता का अंदेशा है। जांच में कुछ तथ्य सामने आने के बाद अब सीबीआई अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज से भी प्रथम वर्ष के छात्र रहे डॉ. विश्नोई की उपस्थिति के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
यह है मामला-
मध्यप्रदेश मेडिकल और विभिन्न परीक्षाओं के लिए अलग से व्यावसायिक परीक्षा मंडल बनाया गया था। इसमें बड़े पैमाने पर मेडिकल में फर्जी तरीके से पास कराने व सीटे आवंटित करने का खेल रचा गया। प्रकरण में सूत्रधार जगदीश सागर, पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने करीब 340 छात्रों को अवैधानिक तरीके से उत्तीर्ण करवाया। प्रकरण उजागर होने पर 100 से ज्यादा छात्र व कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
इनका कहना है...
सीबीआई का पत्र आया है। संबंधित चिकित्सक के संबंध में जानकारियां चाही गई है।
-डॉ. वी.बी. सिंह, प्रिंसीपल जेएलएन मेडिकल कॉलेज अजमेर
Published on:
02 Jan 2020 08:02 am
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