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बोली किरण माहेश्वरी….कौशल शिक्षा और तकनीकी ज्ञान बहुत जरूरी

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seminar in mds university

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अजमेर.

कौशल शिक्षा और तकनीकी ज्ञान बहुत जरूरी है। इसके बिना शैक्षिक उन्नयन संभव नहीं है। लेकिन अध्ययन- अध्यापन में नवाचार, शोध अभिरुचि और समयानुकूल बदलाव भी होने चाहिए। यह बात उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने रविवार को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में कही।

नवनिर्मित अमृतायन भवन के लोकार्पण और राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के सेमिनार में बोलते हुए उन्होंने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में नए नवाचार होते रहने चाहिए। प्रतिस्पर्धात्मक दौर और वैश्विक परिदृश्य में भारतीय विद्यार्थी तभी टिकेंगे जबकि शैक्षिक गुणवत्ता उच्च स्तरीय होगी।

पढऩे-पढ़ाने के तौर-तरीकों में भी समयानुकूल परिवर्तन जरूरी हैं। लेकिन हमें शैक्षिक मूल्यों, देश-प्रदेश की आवश्यकता और सामाजिक उत्तरदायित्व को भी समझना होगा। अंतिम छोर तक उच्च शिक्षा तभी पहुंचेगी जबकि शिक्षण को सामुदायिक विकास से जोड़ा जाएगा।

केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलाधिपति डॉ. पी. एल. चतुर्वेदी ने कहा कि बंीते कई वर्षों में उच्च शिक्षा में प्रयोग ज्यादा हुए हैं। शिक्षा को प्रायोगशाला बनाया जाना अव्यवहारिक है। ब्रिटिशकाल में भारत के स्थापित मूल्यों, शिक्षा पद्धति को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया गया। बाद के वर्षों में भी तात्कालिक बदलाव हुए पर काफी हद तक वे सामान्य रहे। बीते 10-15 साल में तो शैक्षिक मूल्य और मायने बिल्कुल बदल गए हैं।

पाठ्यक्रमों में अतार्किक बदलाव, मनमाफिक नियमों में फेरबदल, अप्रसांगिक कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को ही नुकसान हो रहा है। कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने भी संबोधित किया। सेमिनार में राजस्थान विश्वविद्यालय, उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, जोधपुर के जयनाराण व्यास विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक, रुक्टा राष्ट्रीय के पदाधिकारी शामिल हुए। मालूम हो कि अमृतायन भवन का निर्माण यूजीसी की 12 वीं पंचवर्षीय योजना के तहत हुआ है। इस पर 429.10 लाख रुपए खर्च हुए हैं।

साइंस पार्क का शिलान्यास

इससे पहले माहेश्वरी ने झलकारी बाई स्मारक के समक्ष साइंस पार्क का शिलान्यास किया। शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि साइंस पार्क के निर्माण में 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत आएगी। यह पार्क करीब 23 महीने में बन कर तैयार होगा। साइंस पार्क राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद की देखरेख में तैयार होगा। आधा खर्च स्मार्ट सिटी योजना के तहत वहन किया जाएगा। यहां आमजन को विज्ञान के रहस्यों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां तारामंडल, आकाशगंगा और सनशाइन गैलेरी के बारे में ऑडियो-वीडियो से जानकारी दी जाएगी। इसका क्षेत्रफल 20 हजार 234 वर्ग मीटर होगा।