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अजमेर में है कुमार विश्वास का ससुराल, पहुंचे सास के अंतिम संस्कार में

वे अपनी सास की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी।

अजमेरJan 06, 2018 / 05:27 pm

raktim tiwari

aap leader kumar viswas in ajmer

aap leader kumar viswas in ajmer

राज्यसभा सांसद बनने की दौड़ में शामिल होने से वंचित रहे आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास शनिवार को अजमेर पहुंचे। वे अपनी सास की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। विश्वास पूरे समय लोगों हाथ जोड़कर अभिवादन करते रहे।
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास का ससुराल अजमेर के भोपों का बाड़ा में है। राजनेता बनने से पहले विश्वास कॉलेज लेक्चरर थे। उन्होंने अजमेर में भोपों का बाड़ा निवासी और हिंदी की लेक्चरर मंजु टाक से विवाह किया। इस नाते अजमेर में उनका ससुराल है।
विश्वास की सास लक्ष्मी देवी (85) का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। शनिवार को कुमार विश्वास अपनी सास के अंतिम संस्कार में शामिल होने अजमेर पहुंचे। वे भोपों का बाड़ा स्थित ससुराल आए। बाद में उनकी सास का लोहाखान स्थित श्मशान स्थल में अंतिम संस्कार किया गया।
उत्तर प्रदेश से है संबंध

कुमार विश्वास का मूलत: उत्तर प्रदेश से संबध है। उनका जन्म 10 फररवी 1970 को पिलखुआ में हुआ था। उनके पिता कॉलेज में प्रोफेसर और मां गृहिणी हैं। कुमार विश्वास ने बारहवीं के बाद एमएनआईटी इलाहाबाद में इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन लिया था। लेकिन इंजीनियरिंग में मन नहीं लगने पर उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। बाद में उन्होंने राजस्थान में कुछ वक्त सरकारी कॉलेज में व्याख्याता के रूप में सेवाएं दीं। लेकिन लेखन और कविता क्षेत्र में कॅरियर बनाने की धुन में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इस दौरान ही उनका अजमेर निवासी मंजु से विवाह भी हुआ।
अमेठी से लड़ चुके चुनाव

कुमार विश्वास वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि चुनाव में उन्हें कामयाबी तो नहीं मिली पर उनकी लोकप्रियता जरूर बढ़ गई। भाजपा से अमेठी से केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति मल्होत्रा ईरानी ने भी चुनाव लड़ा था। वे भी चुनाव हार गई थीं।
जुड़े थे केजरीवाल-अन्ना हजारे से

कुमार विश्वास 2012-13 में लोकपाल आंदोलन के जनक अन्ना हजारे ? और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल से जुड़े थे। दिल्ली में जंतर-मंतर पर अन्ना के अनशन और आंदोलन के दौरान केजरीवाल, कुमार विश्वास, किरण बेदी और अन्य ने अगुवाई की थी। आंदोलन खत्म होने के बाद यह टीम बिखर गई। केजरीवाल ने राजनीति में जाने के उ²ेश्य से आम आदमी पार्टी का गठन किया। कुमार विश्वास उसके संयोजक बने।
किरण बेदी बाद में भाजपा शामिल हो गई। उन्हें केंद्र सरकार ने पुड्डुचेरी का उप राज्यपाल बनाया है। अन्ना हजारे ने हाल में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। उन्होंने लोकपाल नियुक्त नहीं करने पर मार्च में आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
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