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Law college: इंटरनेट से ज्यादा यूनिवर्सिटी के ‘रिजल्ट’ पर ज्यादा भरोसा

इसमें नंबर कम/ज्यादा आने की सूचना होती है। लिहाजा कॉलेज ने डीन छात्र कल्याण अथवा उच्च स्तरीय समिति को प्रकरण की जांच नहीं सौंपी है।

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law college ajmer

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अजमेर. लॉ कॉलेज (law college ajmer) को इंटरनेट के बजाय महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के ‘परिणाम ’ (mdsu exam result) पर ज्यादा भरोसा है। कॉलेज को विश्वविद्यालय के अधिकृत टीआर अथवा परिणाम (result T.R) सूचना का इंतजार है। फिलहाल तीनों छात्रसंघ पदाधिकारियों (student union leaders) के खिलाफ जांच शुरू नहीं हुई है।

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लॉ कॉलेज में एलएलबी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत अध्यक्ष (president) हिमांशु चौहान और महासचिव (general seceratary) निखिल कासोटिया को कॉन्सिटीट्यूशन लॉ इंडिया में क्रमश: 19 और 10 नंबर मिले। चौहान का पेपर ड्यू और कासोटिया इससे दोनों के पेपर बकाया (ड्यू) हो गए हैं। उपाध्यक्ष (vice president) अनिल कुमावत के प्रथम वर्ष एलएलबी में हिंदू लॉ विषय पेपर में 15 नंबर आए। उसका भी यह पेपर ड्यू हो गया है।

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नहीं है इंटरनेट पर भरोसा...
कॉलेज प्रशासन की मानें तो इंटरनेट (internet) पर अपलोड परिणाम अधिकृत नहीं होता है। लिहाजा उन्हें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) के टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) अथवा अंकतालिका का इंतजार है। इसमें नंबर कम/ज्यादा आने की सूचना होती है। लिहाजा कॉलेज ने डीन छात्र कल्याण (dean student welfare) अथवा उच्च स्तरीय समिति (committee) को प्रकरण की जांच नहीं सौंपी है।

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यह कहते हैं लिंगदोह समिति के चुनाव नियम
-छात्र/छात्रा नहीं होने चाहिए सजायाफ्ता मुजरिम
-नहीं हो वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा परिणाम में कोई पेपर बकाया
-फेल हो चुके विद्यार्थी नहीं लड़ सकते छात्रसंघ चुनाव
-पेपर बकाया/फेल होने पर पदाधिकारी पद पर रहने के योग्य नही

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विश्वविद्यालय से परिणाम की अधिकृत सूचना नहीं मिली है। इसके बाद ही प्रकरण में कुछ कहा जा सकता है।
डॉ. विभा शर्मा, कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज


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