scriptLaw college: दे चुके तीन साल की फीस, नहीं मिल रही सम्बद्धता | Law college: three year affiliation process in problem | Patrika News

Law college: दे चुके तीन साल की फीस, नहीं मिल रही सम्बद्धता

locationअजमेरPublished: Jul 08, 2019 05:26:19 am

Submitted by:

raktim tiwari

लॉ कॉलेज की दिक्कतें नहीं हो रही हैं कम। सरकार और यूनिवर्सिटी नहीं चाहती है इनका विकास करना।

law college ajmer

law college ajmer

अजमेर

लॉ कॉलेज को तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता इस बार भी मिलती नहीं दिख रही। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने एकेडेमिक कौंसिल में प्रस्ताव पारित कर दिया है। लेकिन विश्वविद्याल प्रशासन कॉलेज को दो चरणों में तीन साल की सम्बद्धता देने का पक्षधर है।
महर्षि दयानंद सरस्वती सहित सभी विश्वविद्यालय लॉ कॉलेज को एक वर्ष की सम्बद्धताऔ देते हैं। सरकार के रिपोर्ट भेजने में विलम्ब और अन्य कारणों से बार कौंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई)और कॉलेजों को दिक्कतें होती हैं। कौंसिल ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर सभी कॉलेज को तीन साल की सम्बद्धता देेने को कहा था। डेढ़ साल से यह मामला अटका हुआ है। हाल में महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने एकेडेमिक कौंसिल की बैठक में लॉ कॉलेज को तीन साल की सम्बद्धता देने का प्रस्ताव पारित किया है।
read more: MDSU: सुमन शर्मा के बेटे पर फिर मेहरबानी की तैयारी

भेजा पत्र और 7.40 लाख रुपए
उच्च शिक्षा विभाग ने अजमेर के लॉ कॉलेज को तीन साल की एकमुश्ता सम्बद्धता के लिए 7.40 लाख रुपए भेजे। कॉलेज फीस विश्वविद्यालय में जमा करा चुका है। साथ ही उसने विश्वविद्यालय से सत्र 2018-19, 2019-2020 और 2020-2021 की एकमुश्त सम्बद्धता देने का पत्र भी भेजा था।
read more: rpsc: इंटरव्यू में मिलेंगी सुविधाएं, अभ्यर्थी भी रह जाएंगे हैरान

नहीं मिल पाई एकमुश्त सम्बद्धता
विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा और टोंक जिले के लॉ कॉलेज हैं। विश्वविद्यालय तीन साल की एकमुश्त सम्बद्धता देने का पक्षधर नहीं है। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि लॉ कॉलेज को सत्र 2018-19 की सम्बद्धता देने में विश्वविद्यालय ने देरी की। सत्र 2019-20 की सम्बद्धता के लिए निरीक्षण टीम बनाई गई है। टीम की रिपोर्ट के बाद सम्बद्धता पत्र जारी होगा। जबकि 2020-21 की सम्बद्धता का फिलहाल अता-पता नहीं है।
फैक्ट फाइल

राज्य में सरकारी लॉ कॉलेज : 15

स्थापना : 2005-06

स्थायी मान्यता: किसी कॉलेज को नहीं

विद्यार्थियों की संख्या-करीब 15 हजार

सरकार से अनुदान : कुछ नहीं
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो