scriptफर्जी ई ग्रास चालान मामले में चार स्टाम्प वेंडर के लाइसेंस निरस्त | Licenses of four stamp vendors canceled in fake e-gross challan case | Patrika News

फर्जी ई ग्रास चालान मामले में चार स्टाम्प वेंडर के लाइसेंस निरस्त

locationअजमेरPublished: Oct 23, 2021 01:44:54 am

Submitted by:

Dilip

– धौलपुर में सामने आए हं फर्जीवाड़े के 27 मामले – रजिस्ट्री कराने वालों को भी भेजे गए हैं राशि जमा कराने के नोटिस
जमीन की रजिस्ट्री करवाने के दौरान ई-ग्रास के जरिए फर्जी चालान जमा कराने के मामले में धौलपुर के चार स्टाम्प वेंडर के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। आरोप है कि इनके द्वारा जमा कराए गए चालान को दोबारा काम में लिया गया।

Thug asked for money by calling himself Crime Branch SP

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धौलपुर. जमीन की रजिस्ट्री करवाने के दौरान ई-ग्रास के जरिए फर्जी चालान जमा कराने के मामले में धौलपुर के चार स्टाम्प वेंडर के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। आरोप है कि इनके द्वारा जमा कराए गए चालान को दोबारा काम में लिया गया। बता दें कि ई-ग्रास के जरिए चालान जमा करवाने में प्रदेश के पांच जिलों के 17 उप पंजीयक कार्यालयों में 676 दस्तावेज के पंजीयन में 7.94 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया था। इसमें एक ही चालान को कई बार इस्तेमाल कर सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया गया है। बता दें, इस मामले में रजिस्ट्री कराने वालों को भी वसूली के नोटिस दिए गए हैं। वहीं, एक पंजीयन लिपिक को एपीओ किया गया था। धौलपुर से स्टाम्प वेंडर मदनलाल, चन्द्रप्रकाश, संजू त्यागी तथा ब्रजलाल के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं।
धौलपुर में करीब 28 मामले

फर्जी ई ग्रास चालान के सर्वाधिक मामले जयपुर में सामने आए। यहां सब रजिस्ट्रार कार्यालय 2, 5,8 व 10 में प्रत्येक में 150-200 मामलों में फर्जी चालान ई-ग्रास के जरिए जमा कराते हुए जमीनों का पंजीयन करा सरकारी खजाने को चूना लगाया गया। जयपुर के अलावा बांसवाड़ा में &4,भीलवाड़ा 25 तथा भरतपुर/ धौलपुर में करीब 27 मामले सामने आ चुके हैं। इनके जरिए 676 प्रकरणों 7.94 करोड़ रुपए की राजस्व हानि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग को हुई।
स्टाम्प वेंडर बोले- हम निर्दोष

इस मामले में स्टाम्प वेंडर मदनलाल ने कहा कि हमने चालान जमा करा स्टाम्प लिए थे। बाद में उन चालान का दुरुपयोग हुआ तो हमारी क्या गलती है। हमने तो वे चालान दोबारा काम में नहीं लिए।
काम में लिए कूटरचित दस्तावेज

पंजीयन विभाग की फैक्ट फाइंडिग कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ स्टाम्प वेंडर द्वारा कोषालय से स्टाम्प क्रय करने के लिए उपयोग में लिए गए चालानों को कूटरचित करके दस्तावेज के पंजीयन में पुन: उपयोग में लिया गया। सम्बन्धित उप पंजीयक, पंजीयन लिपिक एवं स्टाफ ने चालानों का ई-ग्रास साइट से सत्यापन किए बिना ही लापरवाही पूर्वक दस्तावेज का पंजीयन कर दिया। यदि ऐसे चालानों का सत्यापन व अंक मिलान किया जाता तो जाली चालानों के पुन: उपयोग को रोका जा सकता था।
इनका कहना है

फर्जी ई ग्रास चालान मामले में धौलपुर के चार स्टाम्प वेंडर्स के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं।

-उत्तम सिंह मदेरणा, डीआइजी स्टाम्प, भरतपुर
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