
rain in ajmer district
अजमेर
मानसून की रफ्तार सुस्त हो गई है। अजमेर (Ajmer) जिले को औसत आंकड़ा पूरा करने के लिए 79 दिन में 450 मिलीमीटर बरसात चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो लगातार सातवें साल जिला पर्याप्त बारिश (Rain in ajmer) से महरूम रहेगा।
प्रदेश और जिले में मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बरसात से खेतों में सिंचाई, तालाबों-बांधों में पानी आता है। साथ ही साल भर जलापूर्ति के लिए पानी मिलता है। इस लिहाज से मानसून के 43 दिन बीत चुके हैं। अब 79 दिन और बचे हैं। इस दौरान होने वाली बारिश जिले के लिए वरदान साबित होगी।
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वरना सातवें साल कम बरसात...
मानसून (Monsoon) पिछले पांच साल में अजमेर जिले पर ज्यादा मेहरबान नहीं हुआ है। यह कभी जून अंत तो कभी जुलाई के पहले पखवाड़े में सक्रिय होता रहा है। जिले में कई बड़े जलाशयों में तो नाम मात्र का पानी पहुंचता रहा है। साल 2012 में 520.2, 2013 में 540, 2014 में 545.8, 2015 में 381.44, 2016 में 512.07,2017 में 450 और 2018 में 325 मिलीमीटर बरसात ही हो पाई। साल 2019 में 1 जून से अब तक करीब 100 मिलीमीटर बारिश हो पाई है।
जिले में 1 जून से अब तक बारिश (मिमी में)
अजमेर 134, श्रीनगर 51, गेगल 24, पुष्कर 87, गोविन्दगढ़ 38, बूढ़ा पुष्कर 26, नसीराबाद 44, पीसांगन 74, मांगलियावास 26, किशनगढ़ 60, बांदरसींदरी 17, रूपनगढ़ 126, अरांई 93, ब्यावर 161, जवाजा 98, टॉडगढ़ 113, सरवाड़ 105, गोयला 113, केकड़ी 117, सावर 35, भिनाय 54, मसूदा 38, बिजयनगर 48, नारायणसागर 41
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इन जलाशयों में पानी (फीट में)
आनासागर 12.5, फॉयसागर 2.2, पुष्कर 4.3, अजगरा 3.6, ताज सरोवर अरनिया 8.6, खानपुरा 3.6, जवाजा 3.4, बूढ़ा पुष्कर 6.6, बांके सागर 1.8
जिले में खाली पड़े हैं यह जलाशय
ऊंटड़ा, रामसर, बीर, फूलसागर कायड़, रूपनगढ़, शिवसागर न्यारा, फूलसागर जालिया, राजियावास मकरेड़ा, गोविंदगढ़, मदन सरोवर धानवा, मूंडोती, पारा प्रथम और पारा द्वितीय, लसाडिय़ा, बसूंदनी, नाहर सागर पीपलाज, लोरडी सागर, नारायण सागर खारी, डेह सागर बड़ली, न्यू बरोल, मान सागर जोताया और अन्य
Published on:
14 Jul 2019 07:14 am
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