
lpg gas supply in ajmer
मनीष कुमार सिंह/अजमेर।
ब्यावर के नन्दनगर में शादी समारोह में महज दो घरेलू गैस सिलेंडर ने कोहराम मचा दिया। वहीं अजमेर शहरी क्षेत्र में ऐसे दर्जनों स्थान है जहां मौत का सामान इधर-उधर सड़कों और रिहायशी इलाकों में गैस गोदाम के बीच पड़ा है।
यहां की आबोहवा में घरेलू गैस की दुर्गंध आम बात है लेकिन गोदाम के पास हल्की से धमक से पड़ोस में रहने वालों की सांसें ऊपर नीचे हो जाती हैं। सड़क किनारे लगे एजेंसियों के डिलीवरी कैम्प और ट्रक से सिलेंडर की लोडिंग-अनलोडिंग की कवायद कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकती है।
शहर के मुख्य मार्गों पर बने गैस एजेंसी के अस्थायी कैम्प अब स्थायी हो चुके हैं। वहीं रिहायशी इलाके में बने गोदामों ने आमजन की नींद ***** कर दी है। घरेलू गैस सिलेंडर के गोदाम के आस-पास रहने वाले लोग के दिन-रात दहशत में गुजर रहते हैं। यह हालात शहर में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक गोदाम में है। इसके अलावा सघन आबादी क्षेत्र में एजेंसियों के डिलीवरी कैम्प लगे हैं। यहां छोटे वाहनों में डिलीवरी के लिए गैस सिलेंडर से भरे ट्रक खड़े होते हैं।
सड़क पर ट्रक से सिलेंडर उतारने के दौरान थोड़ी सी लापरवाही से सिलेंडर फट सकते हैं वहीं छोटी सी चिंगारी कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। कई अस्थायी कैम्पों के आसपास चाय की थड़ी समेत कई ऐसी गतिविधियां होती हैं जो गैस और आग का मेल करवाने के लिए पर्याप्त है।
यह इलाके हैं प्रभावित
शहर का सबसे सघन आबादी क्षेत्र में शास्त्रीनगर, बिहारीगंज, लोहागल जयमल नगर व माकड़वाली रोड पंचशील नगर मेंं बने घरेलू गैस एजेंसियों के गोदाम में सुबह-शाम सिलेंडर की लोडिंग-अनलोडिंग ने लोगों की नींद ***** कर रखी है। सिलेंडर की उठा-पटक से होने वाली आवाज के साथ लोगों को दिनरात हादसे का डर सताता रहता है। हालात गर्मी में ज्यादा बिगड़ जाते हैं जब सिलेंडर में लीकेज की बढ़ती समस्याएं बढ़ जाती है।
पहले भी उठाया मुद्दा
शहर के रिहायशी इलाकों में बने गोदाम का मुद्दा पूर्व में उठाया जा चुका है लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई कुछ दिन तक चलने के बाद वापस फाइलों में दफन हो जाती है। प्रशासन और स्थानीय निकाय ने इन एजेंसियों को शहर के बाहर व औद्योगिक क्षेत्र में शिफ्ट करने के सब्जबाग दिखाए। इसी तरह तीन साल पहले तत्कालीन जिला कलक्टर व जिला रसद अधिकारी ने सड़कों पर लगने वाले गैस सिलेंडर डिलीवरी कैम्प पर रोक लगा दी थी लेकिन अफसर बदले ही कार्यशैली भी बदल गई।
300 से ज्यादा सिलेंडर
रिहायशी इलाकों में मौजूद घरेलू गैस एजेंसियों के गोदाम पर बीड़ी, सिगरेट की चिंगारी कभी भी बड़ा हादसा साबित हो सकती है लेकिन यहां आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं है। जवाहरलाल नेहरू अस्पताल का आइसोलेशन वार्ड, रेजीडेंट डॉक्टर्स हॉस्टल समेत रिहायशी इलाका है। अग्रसेन चौराहा के आसपास अस्पताल के निकट तीन सौ से ज्यादा सिलेंडर क्षमता वाले गोदाम की सुरक्षा कुछ अग्निशामक यंत्र के भरोसे चल रही है।
इन एजेंसियों के गोदाम रिहायशी इलाके में
1- गुलाब गैस एजेंसी जयमल नगर लोहागल
2-अपना बाजार गैस एजेंसी 9 नम्बर पेट्रोल पम्प बिहारी गंज
3. चन्द्रायन गैस एजेंसी माकड़वाली व पंचशील नगर ए ब्लॉक के बीच
4- कुक एंड कुक माकड़वाली व पंचशील नगर ए ब्लॉक के बीच
5. ख्वाजा गैस एजेंसी गौरव पथ वैशालीनगर पेट्रोल पम्प के सामने
6. भगवती गैस एजेंसी शास्त्रीनगर पुलिस चौकी के पीछे
घरेलू गैस सिलेंडर की अवैध रिफिलंग के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सड़कों पर लगने वाले एजेंसियों के कैम्प गलत है। उन्हें हटवाया जाएगा। आमजन आसपास होने वाली अवैध गतिविधि के लिए रसद विभाग में शिकायत भी कर सकते हैं। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
-संजय माथुर, जिला रसद अधिकारी
Published on:
20 Feb 2018 09:20 am
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