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भाग्यशाली है दुर्लभ सुर्खाब, एक झलक ला सकती है जीवन में बदलाव

धौलपुर में इन दिनों डाल रखा इस सुंदर पक्षी ने डेरा, आलौकिक शक्ति का स्वामी होने की है मान्यता , चंबल, मचकुंड, हुसैन सागर, तालाबशाही आदि स्थानों पर कर रहे कलरव

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अजमेर

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Dilip Sharma

Jan 13, 2022

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धौलपुर. आपने अक्सर ये कहावत सुनी होगी कि 'उसमें कौन से सुर्खाब के पर लगे हैंÓ लेकिन, क्या आपको इसका मतलब पता है। सुर्खाब एक ऐसा पक्षी होता है जो बहुत सुंदर होता है। जितनी सुंदर इस पक्षी की काया होती है उसे देखने वाला भी उतना ही भाग्यशाली होता है। इस नायाब पक्षी का आध्यात्मिक महत्व भी कम नहीं है। माना जाता है कि सुर्खाब पक्षी की एक झलक कई बड़े चमत्कार कर सकती है। कहते हैं कि सुर्खाब पक्षी को कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त है। जो इसके साक्षात दर्शन करता है उसके घर में कभी कंगाली नहीं आती है। सुर्खाब के पंख जिस घर में रखे जाते हैं रखने से घर में धन, धान्य और सुख समृद्धि की वर्षा होती है। पुराने समय में राजा-महाराजाओं के मुकुट में सुर्खाब के पंख लगाए जाते थे। इस दुर्लभ पक्षी ने इन दिनों धौलपुर में डेरा डाल रखा है। चंबल, मचकुंड, रेलवे स्टेशन के पास खल्ती, हुसैन सागर, निभी का ताल, तालाबशाही आदि स्थानों पर इन्हें अक्सर देखा जा रहा है।

पति-पत्नी के बीच बढ़ाता है प्रेम

सुर्खाब प्राय: जोड़ा बनाकर ही रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि सुर्खाब जीवन में केवल एक बार ही जोड़ा बनाते हैं। अगर दोनों में से किसी एक कि मृत्यु हो जाए तो दूसरा अकेला ही जीवन व्यतीत करते हैं। माना जाता है कि अगर विवाहित जोड़ा सुर्खाब की फोटो अपने बेडरूम में रखे तो पति-पत्नी के बीच चल रही तकरार खत्म हो जाएगी। वहीं, अगर प्रेमी जोड़ा विवाह करना चाहता है तो भी सुर्खाब की तस्वीर को एसे स्थान पर जरूर लगाए, जहां सुबह उठते ही उनकी पहली नजर इस तस्वीर पर पड़े।

शत्रुओं का करता है नाश

अध्यात्म के जानकारों के अनुसार सुर्खाब का नाखून अगर आपको मिल जाए तो उसे ताबीज बनाकर अपने गले में लाल धागे से बांध लें। ऐसा करने से आपकी कुंडली के गृहदोष अपने आप खत्म हो जाते हैं। माना जाता है कि सुर्खाब के नाखून में दिव्य अलौकिक शक्ति होती है जिसे धारण करने के बाद आपके शत्रुओं का नाश होने लगता है।

ऐसा होता है स्वरूप

सुर्खाब को ब्राह्मी डक, रेड शैल डक और चकवा-चकवी भी कहा जाता है। आईयूसीएन द्वारा इसे संरक्षण योग्य श्रेणी में रखा गया है। इसके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यह प्रजाति अफ्रीकी-यूरेशियन माइग्रेटरी वॉटरबर्ड्स के संरक्षण समझौते के अंतर्गत आती है। रूडी शेल्डक जिसका वैज्ञानिक नाम तेदोर्ना फेरुगिनिया है। यह एनाटिडी परिवार का सदस्य है। भारत में इसे ब्राह्मणी बत्तख के नाम से भी पहचाना जाता है। सुर्खाब पक्षी उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका, इथियोपिया, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया के साथ-साथ चीन और नेपाल के ठंडे क्षेत्रों का निवासी है। मार्च-अप्रेल के महीने में मध्य एशिया में प्रजनन करने पहुंंचता है। इन क्षेत्रों में बर्फ जमते ही भारत में यह सर्दियों के प्रवास पर अक्टूबर-नवंबर में आ जाता है। यह एक जलपक्षी है, जिसकी लंबाई 2& से 28 इंच होती है, खुले पंखों के साथ लंबाई 4& से 5& इंच तक होती है।