
अजमेर . विवाहेत्तर संबंध में नाकाम मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ प्रदर्शक (सीनियर डेमोंस्टे्रटर) ने दोपहर मालगाड़ी के सामने पटरी पर सिर रखकर जान दे दी। घटना के बाद जुटी भीड़ में रेलवे से सेवानिवृत्त उनके पिता भी गुजरते हुए हादसा देखने पहुंचे तो जवान बेटे का सिर धड़ अलग देखकर होश खो दिया। अलवर गेट थाना पुलिस ने तलाशी में मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद किया। इसमें उसने जीवन से परेशान होने व नाकाम प्रेम कहानी की इबारत लिखी थी। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एनॉटोमी विभाग में सीनियर डेमोंस्ट्रेटर भजन गंज तानाजी नगर निवासी डॉ. विनीत धनेरिया ने रविवार दोपहर धोलाभाटा रेलवे फाटक के पास मालगाड़ी के इंजन के सामने अचानक दौड़कर पटरी पर सिर रखकर दिया। लोको पायलट ब्रेक लगाता उससे पहले मालगाड़ी के पहिए धनेरिया के ऊपर से गुजर गए और सिर धड़ से अलग हो गया। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई।
लोको पायलेट ने ब्रेक लगा मदार रेलवे स्टेशन पर सूचना दे दी। इधर घटना के बाद जुटी भीड़ में डॉ. धनेरिया के पिता चन्दनसिंह भी पहुंचे। पटरी पर नजर पड़ते ही चन्दन सिंह के होश उड़ गए। सूचना पर अलवर गेट थाने से सहायक उप निरीक्षक बुद्धाराम पहुंचे। पुलिस ने शव को जेएलएन अस्पताल की मोर्चरी पहुंचाया। यहां पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजन के सुपुर्द कर दिया।
डिप्रेशन में थे डॉ. धनेरिया
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि डॉ. धनेरिया दो माह से डिप्रेशन में थे और एक सप्ताह से मेडिकल कॉलेज से छुट्टी ले रखी थी। हालांकि डॉ. धनेरिया रविवार को घर से रवाना होने से पहले अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़ आए। उन्होंने पिता को धोलाभाटा स्थित प्लॉट पर मिलने की बात कही। पुलिस को घटनास्थल से पास डॉ. धनेरिया की मोटरसाइकिल मिली।
...जिन्दगी से परेशान
पुलिस को डॉ. धनेरिया की जेब से मिले सुसाइड नोट में स्वेच्छा से आत्महत्या करने की बात लिखी। उन्होंने पिता से माफी मांगते हुए अपना खयाल रखने की बात कही। उसने लिखा कि वह अपनी जिन्दगी से हार चुका है। उसके परिवार को कोई परेशान न करे।
घटना का दूसरा पहलू
प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि डॉ. धनेरिया के पिछले तीन साल से एक युवती से प्रेम संबंध थे। गत दिनों युवती की सगाई अन्यत्र हो गई। इससे डॉ. धनेरिया अवसाद में आ गए। तब से वह बीमार थे। सूत्रों के मुताबिक डॉ. धनेरिया ने सुसाइड नोट में अपनी नाकाम प्रेम कहानी बयान की है।
मासूम के सिर से उठाया साया
डॉ. धनेरिया के एक तीन साल का बेटा है जबकि रेलवे से वीआरएस प्राप्त पिता चंदनसिंह, छोटा भाई डॉ. ललित भी होम्योपेथिक चिकित्सक है। हाल में डॉ. धनेरिया का चयन आरपीएससी के जरिए प्रोफेसर के पद पर हो गया था लेकिन मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
Published on:
12 Feb 2018 10:06 am
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