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1 अगस्त को होगा एमडीएसयू का कन्वोकेशन, स्टूडेंट्स को मिलेंगी डिग्री और मेडल

ब्रिटिश परम्परानुसार कुलपति, टीचर्स और स्टूडेंट्स को ब्लैक रॉब (काला गाउन) और टोपी पहनना अनिवार्य था।

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mds university convocation

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महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का नवां दीक्षान्त समारोह 1 अगस्त को होगा। इसमें शोधार्थियों की डिग्रियां और श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पदक बांटे जाएंगे। विश्वविद्यालय के नवें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह , उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी सहि अन्य अतिथि शामिल होंगे। छात्रों को परम्परानुसार सफेद कुर्ता-पायजामा और छात्राओं को लाल किनारे वाली सफेद साड़ी पहननी होगी।

शुरू होंगी समारोह की तैयारियां
कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने दीक्षान्त समारोह को लेकर परीक्षा और अन्य विभागीय अधिकारियों से चर्चा की है। उन्होंने समय पर परीक्षा परिणाम निकालने को पहली प्राथमिकता दी है। इसके अलावा टॉपर्स के पद, डिग्रियां और सर्टिफिकेट तैयार कराने के बारे में पूछा है। कुलपति ने तीन महीने में सभी कामकाज समय रहते पूरे करने के निर्देश भी दिए है।

क्यों खास है दीक्षान्त समारोह
किसी भी यूनिवर्सिटी अथवा कॉलेज, इंस्टीट्यूट के लिए दीक्षान्त समारोह खास होता है। यह उस संस्था का सबसे सर्वोच्च कार्यक्रम होता है। दीक्षान्त समारोह में टॉपर्स स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल और शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां मिलती है। इसके अलावा अन्य स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी अपने ऑर्डिनेंस के अनुसार डिग्रियां ग्रेस पास करती हैं। बाद में यह डिग्री स्टूडेंट्स अपने कॉलेज से लेते हैं।

गुरुकुल पद्धति में भी होता था दीक्षान्त
प्राचीनकाल में भारत में गुरुकुल पद्धति लागू थी। इस दौरान विभिन्न ऋषि-मुनियों के आश्रम में शिक्षा-दीक्षा दी जाती थी। विद्यार्थियों की शिक्षा पूरी होने के बाद ऋषि-मुनि उन्हें बाकायदा दीक्षा प्रदान करते थे। प्राचीन पद्धति के अनुसार इस दौरान ऋषि-मुनि अपने शिष्यों की परीक्षा भी लेते थे। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही उसे दीक्षित किया जाता था।

ब्लैक रॉब हुए गायब
ब्रिटिशकाल में देश में कई आधुनिक विश्वविद्यालय स्थापित किए गए। इनमें होने वाले दीक्षान्त समारोह में ब्रिटिश परम्परानुसार कुलपति, टीचर्स और स्टूडेंट्स को ब्लैक रॉब (काला गाउन) और टोपी पहनना अनिवार्य था। आजादी के बाद देश में यह व्यवस्था 90 के दशक तक जारी रही। धीरे-धीरे कई संस्थाओं ने ब्लैक रॉब को ब्रिटिश मानसिकता का परिचायक मानते हुए इससे किनारा कर लिया। राजस्थान में भी पिछले तीन साल से सभी यूनिवर्सिटी ने भारतीय परम्परानुसार कुर्ते-पायजामे अथवा सलवार-सूट साड़ी को ड्रेस कोड बना दिया है।

अब तक हुए दीक्षान्त समारोह और अतिथि
1997-98-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

1998-99-नानाजी देशमुख
2001-02-जस्टिस लक्ष्मणनन्

2004-पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील (तब राज्यपाल) एवं मुरली मनोहर जोशी
2009-पूर्व विदेश मंत्री कर्ण सिंह एवं राज्यपाल एस. के. सिंह

2015-राज्यपाल कल्याण सिंह
2016-राज्यपाल कल्याण सिंह

2017-राज्यपाल कल्याण सिंह एवं कैलाश सत्यार्थी