7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Big issue: स्कूल में भी ज्यादा शिक्षक हैं Rajasthan की इस यूनिवर्सिटी से

लम्बे अर्से से नहीं हुई है नए शिक्षकों की भर्ती।सेवानिवृत्तियों से यहां कामकाज प्रभावित हो रहा है।

less than 1 minute read
Google source verification
mdsu ajmer

staff short in mdsu

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की मुश्किलें सत्र 2019-20 में भी कम नहीं होने वाली हैं। एक तरफ नए शिक्षकों की भर्ती अटकी हुई है। वहीं लगातार सेवानिवृत्तियों से यहां कामकाज प्रभावित हो रहा है।

विश्वविद्यालयय में विभागवार 22 शिक्षकों की भर्ती होनी है। इनमें विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, कला और अन्य संकायके विषय शामिल हैं। विश्वविद्यालय ने साल 2017 में 16 अप्रेल को जूलॉजी और बॉटनी विभाग में प्रोफेसर की भर्ती के लिए जयपुर में साक्षात्कार कराने के बाद नियुक्तियां दे दीं। अब 20 शिक्षकों की भर्ती के लिए साक्षात्कार होने हैं। लेकिन कई आवेदकनिर्धारित योग्यता में खरे नहीं उतरे हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय को दोबारा आवेदन मांगने पड़ सकते हैं।

स्कूल में भी ज्यादा शिक्षक
विश्वविद्यालय में 18 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक शिक्षक निलंबित है। सरकारी अथवा प्राइवेट स्कूल में भी विषयवार पर्याप्त शिक्षक होते हैं। लेकिन विश्वविद्यालय इनसे भी पिछड़ा है। यहां मौजूदा वक्त इतिहास, राजनीति विज्ञान, रिमोट सेंसिंग, जूलॉजी, बॉटनी (साक्षात्कार हो चुके) में स्थाई शिक्षक नहीं है। कॉमर्स, प्योर एन्ड एप्लाइड केमिस्ट्री, अर्थशास्त्र, जनसंख्या अध्ययन, कम्प्यूटर विज्ञान में मात्र एक-एक शिक्षक हैं। जबकि पत्रकारिता, विधि, हिन्दी विभाग में तो शिक्षक भर्ती का मुर्हूत ही नहीं निकला है।

इसीलिए पिछड़े ग्रेडिंग में
यूजीसी ने विश्वविद्यालय को बी डबल प्लस ग्रेड प्रदान की है। इसे ए या ए प्लस ग्रेडिंग नहीं मिलने की एकमात्र वजह शिक्षकों कमी है। नैक टीम ने विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती को जरूरी बताया है। शिक्षकों की कमी के चलते ही विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या भी सीमित है।


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग