
mdsu college exam center
अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के निलंबित कुलपति द्वारा बनाए गए 'खास परीक्षा केंद्रों पर विधानसभा ने जवाब मांगा है। विधायक अनिता भदेल ने इन परीक्षा केंद्रों को लेकर प्रश्न लगाया है।
सत्र 2019-20 की परीक्षाओं के लिए नागौर, टोंक, भीलवाड़ा और अजमेर के निजी कॉलेज में नए केंद्र गठन की योजना बनाई गई। इसमें विद्यार्थियों की मांग और क्षेत्रीय जरूरत का तर्क दिया गया। निलंबित कुलपति रामपाल सिंह के स्तर पर बाकायदा एक परीक्षा समिति गठित की गई। पुराने नियमों को दरकिनार करते हुए 40 से ज्यादा नए केंद्र बनाए गए। कुछ ऐसे कॉलेज भी शामिल रहे जिनके आवेदन ड्यू थे।
घूसकांड का रोडमैप...
मनमाने ढंग से परीक्षा केंद्र बनाए गए। महज एक सत्र की परीक्षाएं कराने वाले कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया। घूसकांड का रोडमैप भी परीक्षा केंद्र, सीटों में वृद्धि और सम्बद्धता को लेकर तैयार हुआ। बीते साल 7 सिंतबर को घूसकांड में एसीबी ने रामपाल सिंह सहित उसके दलाल रणजीत और महिपाल को पकड़ा था। विधायक अनिता भदेल ने परीक्षा केंद्रों के गठन और प्रक्रिया को लेकर पिछले साल विधानसभा में सवाल लगाया था।
मांगा विवि से जवाब
विधायक भदेल के सवाल पर विधानसभा ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगा है। इसमें परीक्षा केंद्रों के गठन के पुराने नियम, रामपाल सिंह के कार्यकाल में बनाए केंद्र गठन की प्रक्रिया और अन्य सवाल शामिल हैं। परीक्षा और अकादमिक विभाग सवाल के जवाब देने में जुटे हैं।
तीन सदस्यीय कर रही जांच
कुलपति ओम थानवी ने हाल में 9 जुलाई को रामपाल सिंह द्वारा बना परीक्षा केंद्रों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। इनमें परीक्षा नियंत्रक प्रो.शिवदयाल सिंह, मैनेजमेंट विभाग की डॉ.दीपिका उपाध्याय और कुलसचिव शामिल हैं। कमेटी पुराने और नए नियमों की जांच में जुटी है। इसके अलावा विवि ने 2014 में बने परीक्षा केंद्र निर्धारण नियमों को ही आधार मानने का फैसला किया है।
Published on:
07 Aug 2021 10:26 am
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