6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MDSU AJMER: स्टूडेंट्स को 34 साल बाद डिजिटल सुविधाएं देगी यह यूनिवर्सिटी

MDSU AJMER विश्वविद्यालय में विभिन्न फर्म से खरीद-फरोख्त, गेस्ट फेकल्टी अथवा अस्थाई कार्मिकों को पारिश्रमिक भुगतान और अन्य संस्थानों को चेक से पेमेंट किया जाता है।

2 min read
Google source verification
MDSU AJMER: स्टूडेंट्स को 34 साल बाद डिजिटल सुविधाएं देगी यह यूनिवर्सिटी

MDSU AJMER: स्टूडेंट्स को 34 साल बाद डिजिटल सुविधाएं देगी यह यूनिवर्सिटी

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (MDSU AJMER) जल्द कैशलेस पेमेंट और डिजिटल कामकाज की तरफ कदम बढ़ाएगा। परिसर में तीन करोड़ रुपए की लागत से डिजिटल और ऑटोमेशन कार्य होगा। 34 साल बाद शिक्षकों, संस्थानों और विद्यार्थियों को दस्तावेज, फीस जमा कराने सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी।

विश्वविद्यालय (MDSU AJMER )में विभिन्न फर्म से खरीद-फरोख्त, गेस्ट फेकल्टी अथवा अस्थाई कार्मिकों को पारिश्रमिक भुगतान और अन्य संस्थानों को चेक से पेमेंट किया जाता है। कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला विश्वविद्यालय में कैशलेस सुविधा, डिजिटल कामकाज सुविधा लागू करने के पक्षधर हैं। हाल में बजट फाइनेंस कमेटी में 3 करोड़ रुपए ऑनलाइन और डिजिटल व्यवस्थाओं के लिए मंजूर किया गया है।

Related story: Corruption: बीएड में 50 सीट स्वीकृत, दिलवाए सौ विद्यार्थियों को दाखिले!

विद्यार्थियों को मिलेगी सुविधाएं

कैंपस में डुप्लीकेट मार्कशीट-माइग्रेशन सर्टिफिकेट, डिग्री लेने भीलवाड़ा, नागौर, टोंक सहित जालौर, सिरोही, बीकानेर, श्रीगंगानगर और अन्य इलाकों से विद्यार्थी आते हैं। उन्हें विवि के काउन्टर पर कैश देकर रसीद कटानी पड़ती है। विवि (MDSU AJMER)में डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेफ्ट/ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा नहीं है। डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था शुरू होने पर विद्यार्थी घर बैठे भी शुल्क जमा करा सकेंगे।

मिल सकेंगे ऑनलाइन दस्तावेज
विवि (MDSU AJMER) विद्यार्थियों को डुप्लीकेट दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध नहीं करा रहा है। इसे लेकर भी प्रो. शुक्ला गंभीर हैं। उन्होंने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम, सीबीएसई और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड फीस लेकर विद्यार्थियों को ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन दस्तावेज उपलब्ध करा रहे हैं। विश्वविद्यालय में जल्द इसकी शुरुआत कराई जाएगी। विभागीय कार्यों में सहूलियत

डिजिटल और ऑटोमेशन से विभागीय कार्यों में भी सहूलियत होगी। अहम पत्रावलियों और दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्मेेट में तैयार करने के अलावा ई-वॉलेट और अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।

Related story:MDSU AJMER: यह हैं वो कमियां जो नहीं लेने देतीं ये खास अवार्ड

अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के संस्थान बिल्कुल हाइटेक हैं। वहां विद्यार्थियों के आईकार्ड ही डेबिट/क्रेडिट कार्ड, लाइसेंस, लाइब्रेरी, ई-पेमेंट कार्ड, परीक्षाओं का प्रवेश पत्र होता है। विद्यार्थियों-शिक्षकों और आगंतुकों के लिए कुछ इस तरह की कैशलेश-ऑनलाइन व्यवस्था हमारे यहां शुरू की जानी चाहिए।

प्रो. के. सी. शर्मा, पूर्व कुलपति मदस विश्वविद्यालय


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग