
quality monitor cell
अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) से सम्बद्ध बी.एड कॉलेज क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल (quality monitoring cell) के गठन की योजना का अता-पता नहीं है। बीते डेढ़ साल से इसमें खास काम नहीं हुआ है। ऐसे में बीएड शिक्षण (B.ed education) की गुणवत्ता सुधार की कवायद फेल होती दिख रही है।
बीएड शिक्षण में गुणवत्ता (qaulity education), नवाचार (innovation), योग्य शिक्षकों की नियुक्ति (teachers appointment) और संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल का गठन करने का फैसला किया था। तत्कालीन कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने विश्वविद्यालय में क्वॉलिटी मॉनिटरिंग सेल का पुनर्गठन भी किया। शिक्षा संकाय (Dean edcation)के पूर्व डीन डॉ. नगेंद्र सिंह को और डॉ. अशोक सेवानी को सदस्य सचिव बनाया गया। विश्वविद्यालय ने सभी बीएड कॉलेज (B.ed colleges) को यह गठित करने के निर्देश दिए।
यह थी विवि की योजना
योजना के तहत कॉलेज की सेल का सीधा नियंत्रण कुलपति (vice chancellor) के पास होगा। कॉलेज के सेल शिक्षण गुणवत्ता, विद्यार्थियों के प्लेसमेंट रिकार्ड (placemnet record), कक्षा में उपस्थिति, (absent) शिक्षण सामग्री (edcational method) के इस्तेमाल, ऑडियो-वीडियो (audio-vedio)से शिक्षण, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों के वेतन-भत्ते (salary and allownaces) और अन्य रिकॉर्ड रखेगी। कॉलेज को पूर्व विद्यार्थियों की एल्यूमिनी भी बनानी होगी।
कितने कॉलेज ने बनाए सेल?
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अधिकांश बीएड कॉलेज ने क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल (cell) का गठन नहीं किया। ना विश्वविद्यालय ने वेबसाइट (website) पर सेल का कार्यक्रम ना ऑनलाइन फार्म (online form) जारी किया है। इसके अलावा सत्र 2017-18 में कॉलेज शिक्षकों के आधार कार्ड (Aadhar card) से सत्यापन की शुरुआत भी नहीं हुई है। बीते डेढ़ साल में योजना पर कामकाज तक नहीं हुआ है। पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने बीएड कॉलेज की नकेल कसने के लिए पिछले साल जुलाई में सम्बद्धता शिविर जरूर लगवाए थे।
Published on:
03 Sept 2019 09:51 am
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