
medal fo UG students
अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर टॉपर्स को पदक देने का प्रस्ताव फाइलों में अटका हुआ है। दो साल पहले कुछ कवायद हुई लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। कुलपति पद पर मंडराए संकट के चलते कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।
वर्ष 1987 में स्थापित मदस विश्वविद्यालय कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, विधि प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय में एम.ए, एम. कॉम और एम.एस.सी फाइनल में अव्वल रहने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण और रजत पदक देता है। दीक्षान्त समारोह में यह पदक चक्रानुसार दिए जाते हैं, ताकि किसी एक संकाय को बार-बार पदक लेने का मौका नहीं मिले। विश्वविद्यालय में स्नातक (बीए/बी.कॉम/बी.एससी) स्तर पर टॉपर्स को पदक देने का प्रावधान नहीं है। जबकि देश के कई विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तर के टॉपर्स को भी पदक दिए जाते हैं।
अब तक वंचित हैं होनहार
बीते 31 साल में विश्वविद्यालय ने कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय के लाखों अभ्यर्थियों की परीक्षा कराई। इनमें स्नातक स्तर पर टॉप करने वाले होनहार विद्यार्थियों को कभी पदक नहीं मिले। विश्वविद्यालय ने शुरूआत से इन्हें पदक देने का कोई प्रावधान नहीं रखा। अब तक हुए आठ दीक्षान्त समारोह में स्नातक स्तरीय टॉपर्स को पदक नहीं दिए गए।
प्रस्ताव पर नहीं हुई चर्चा
पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी के कार्यकाल में 2016 में एकेडेमिक कौंसिल और प्रबंध मंडल की बैठक हुई थी। इसमें स्नातक स्तरीय टॉपर्स का मुद्दा रखा गया था। विरोध के चलते इस पर नीतिगत फैसला नहीं हो पाया। तबसे अब तक विश्वविद्यालय ने परीक्षा और एकेडेमिक विभाग से एक्ट खंगालने अथवा नियम बनाने के निर्देश भी नहीं दिए हैं।
कुलपति पद पर संकट...
विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर संकट मंडराया हुआ है। प्रो. भगीरथ सिंह और प्रो. कैलाश सोडाणी ने पिछले साल अतिरिक्त जिम्मेदारी होने के नाते ज्यादा रुचि नहीं ली। प्रो. विजय श्रीमाली का महज 90 दिन में देहांत हो गया। मौजूदा कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर राजस्थान हाईकोर्ट से रोक लगी हुई है। कुलपति के बिना अहम मुद्दे पर फैसला होना मुश्किल है।
Published on:
24 Feb 2019 08:14 am
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