
Chaurasiawas pond
अजमेर. दशकों पहले राजस्थान आवासन मंडल(Rajasthan Housing Board), नगर सुधार न्यास (अब एडीए) एवं नगर निगम ने आनासागर झील (anasagar lake) किनारे झील दर्शन के सपने दिखाकर जिन आवंटियों को लाखों में भूखण्ड आवंटित किए, वो आवंटी हर साल बरसात के मौसम में हाल-बेहाल हो रहे हैं। आनासागर झील किनारे डूब क्षेत्र (Sinking area) में बसाई कॉलोनियों के लोग हर साल बरसात के मौसम में खुद के साथ धोखा मानते हुए एडीए, आवासन मंडल एवं निगम निगम के अफसरों को कोस रहे हैं।
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शहर में बारिश (rain in ajmer)के कहर ने एक बार फिर नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण तथा हाउसिंग बोर्ड के कामकाज की पोल खोल कर रख दी है। आनासागर झील के किनारे बसी कॉलोनियों में बारिश (rain)का पानी भरने के बाद एक बार फिर से यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर आवंटियों को डूब क्षेत्र में क्यों बसाया गया।
यह कॉलोनियां डूब क्षेत्र में
आनासागर के किनारे महावीर कॉलोनी, नवगृह कॉलोनी, अरिहंत कॉलोनी को डूब क्षेत्र में मान लिया गया। जबकि करणी विहार, सागर विहार, अशोक विहार, गुलमोहर कॉलोनी, अम्बेडकर बस्ती, मांगीलाल साहू का कुआं, वन विहार तथा आनासागर सर्कुलर रोड से झील की ओर वाली कॉलोनी भी आनासागर डूब क्षेत्र में है।
12 महीने पम्प से निकालते हैं पानी
सागर विहार, गुल मोहर कालॉनी व आनासागर के किनारे की कॉलोनियों में आनासागर के सीपेज का पानी जमा होता रहता है। इसके अलावा घरों की नालियों का पानी की निकासी भी किसी बड़े नाले की बजाय पास ही गड्ढे में जमा होता है। इस पानी को 12 महीने ही 2 पम्प (pump)चलाकर निकालना पड़ता है।
दिखावा पॉश कॉलोनी का, हालात कच्ची बस्तियों जैसे
एडीए, नगर निगम व आवासन मंडल के कागजों में सागर विहार, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, गुलमोहर कॉलोनी व आस-पास की कॉलोनी पॉश कॉलोनियों में माना जााता है, लेकिन बरसात के समय हालात कच्ची बस्तियों से भी बदतर हो रहे हैं।
Published on:
10 Aug 2019 11:58 am
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