
Lollypop Day: खाने में कम बोलने में ज्यादा इस्तेमाल हो रही है लॉलीपॉप
अमित काकड़ा
अजमेर. लॉलीपॉप (lollypop) का नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। बच्चों को खुश करने में भी लॉलीपॉप (lollypop) का इस्तेमाल बड़े स्तर पर होता है। बच्चों को यह खासी पसंद भी आती है, लेकिन बच्चों की जुबां पर रहने वाली लॉलीपॉप का नाम अब आम बोलचाल में किसी को गोल-मोल जवाब देने के लिए किया जा रहा है। ऐसा कई बार सुना जाता है कि उसने इस काम के लिए फलां व्यक्ति को तो लॉलीपॉप (lollypop) पकड़ा दी। यानी lollypop का मतलब बहुत की कम कीमत की मीठी गोली। इसलिए किसी काम को हल्के में लेने के लिए lollypop शब्द का भी इस्तेमाल में लिया जाने लगा है। किसी काम को टालने के लिए कोई मीठा सा उत्तर देने लगे तो लोग इसे lollypop देना कहने लगे। कोई न कोई कहता मिल ही जाता है कि इस बारे में बात करेंगे न तो वे पहले की जैसे lollypop दे देंगे। यानी ऐसा मीठा जवाब देंगे जिसका विरोध नहीं कर सकेंगे।
पहले खूब बिकती थी
कन्फेक्शनरी के दुकानदार सरदार बलवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने 1977 से दुकान पर बैठना प्रारंभ किया था। तब भी lollypop बिकती थी। आज भी lollypop जमकर बिकती है। लॉलीपॉप को देखते ही बच्चों का चेहरा खिल जाता है। बच्चे तो क्या बड़ों के भी मुंह में पानी आ जाता है। वे भी इसे खूब चाव से खाते है। इनमें कॉलेज जाने वाले युवा और अन्य लोग भी शामिल है। बड़े लोग कभी-कभी शौकिया पूरा आनंद लेकर lollypop खाते हैं।
अब फ्लेवर और रंगों में उपलब्ध
अमरीका के न्यू हेवन के जॉज स्मिथ ने 1908 में स्टिक पर कैंडी लगाने का काम किया। इसे लॉलीपॉप नाम दिया गया। 1931 में लॉलीपॉप का ट्रेडमार्क कराया गया। एक समय लॉलीपॉप गोल हुआ करती थी, लेकिन अब इसके कई आकार हो गए हैं। स्क्वॉयर, हार्ट शेप, सर्कल, स्टार, टैडीबेयर सहित कई शेप में लॉलीपॉप आने लगी है। यह खूब पसंद भी आ रही है। इसी तरह कई फ्लेवर भी हैं। मिल्क, ऑरेन्ज, वॉटर मेलन, मैंगों, पाइन एप्पल, स्ट्रॉबरी, मिल्क-चॉकलेट जैसे फ्लेवर में दो से पांच रुपए में बिक रही है। वो भी खट्टे, मीठे चटपटे कई फ्लेवर्स में बेची जा रही है।
Published on:
20 Jul 2019 01:43 pm
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