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पुराने मुकदमों की सुनवाई करेगी पृथक बैंच, मिलेगी लोगों को राहत

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new bench in revenue board

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दिलीप शर्मा/अजमेर.

राजस्व मामलों की प्रदेश की सर्वोच्च अदालत राजस्व मंडल ने अब पुराने प्रकरणों केसेज की सुध ली है। मंडल ने अब 2002 से पहले के करीब एक हजार प्रकरणों को पुराने प्रकरणों की श्रेणी में मानते हुए इनके लिए एक अलग से बैंच गठित की है जो पांच मार्च से इन मुकदमों की सुनवाई शुरू कर देगी।

मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कुछ समय पहले ही मंडल सदस्यों व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक लेकर लंबित प्रकरणों की संख्या को लेकर चर्चा की। बैठक में पुराने प्रकरणों को वर्षवार सूचीबद्ध कर एक फार्मूला तैयार किया गया। इसके तहत पुराने केसेज के त्वरित निस्तारण को लेकर एक नई व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत ऐसे पुराने प्रकरणों को की सुनवाई के लिए पृथक से एकल पीठ (सिंगल बैंच) का गठन किया जाएगा। यह बैंच 5 मार्च से ऐसे पुराने प्रकरणों की सुनवाई करेगी। मंडल में वर्तमान में 63 हजार 261 प्रकरण विचाराधीन हैं।

पुराने प्रकरणों की सुनवाई त्वरित होगी
राजस्व मंडल प्रशासन की ओर से नवीन पृथक से गठित बैंच में मुकदमों की त्वरित निस्तारण करेगी। इसमें अनावश्यक देरी नहीं होगी। तारीखें भी ज्यादा लंबी नहीं दी जाएंगी। त्वरित निस्तारण संबंधी सभी प्रावधानों की पालना होगी ताकि मुकदमे का त्वरित निस्तारण किया जा सके।

एकल पीठ की संख्या भी बढ़ाई
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने प्रकरणों की त्वरित निस्तारण के लिए एकल पीठ, हाइकोर्ट के अब्दुल रहमान प्रकरण के रैफरेंस केसेज सहित सामान्य सुनवाई के एक खंडपीठ है। अन्य मामलों की सुनवाई के एकल पीठें गठित हैं। इनमें पहले पांच एकल पीठ थी जिन्हें बढ़ा कर छह कर दिया है। इसी प्रकार रैफरेंस प्रकरणोंं के लिए एक अलग से एकल पीठ गठित हैं। पांच मार्च से एक अन्य एकल पीठ पुराने प्रकरणों के लिए सुनवाई शुरू कर देगी।

पुराने प्रकरणों पर एक नजर:

वर्ष-2002 से पुराने प्रकरण वर्ष मुकदमों की संख्या वर्ष 1976 - 1

वर्ष 1997 - 2
वर्ष 1998 - 11

वर्ष 1999 - 17
वर्ष 2000 - 78

वर्ष 2001 - 260
वर्ष 2002 - 554.