
RPSC Paper Leak : वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा-2022 के पेपर लीक कांड की जड़ें राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के अंदर तक फैली हुई हैं। शेरसिंह मीणा की पिछले चार-पांच साल में लगातार आयोग में आवाजाही रही। वह सबसे पहले ड्राइवर गोपालसिंह के संपर्क में आया। इसके बाद धीरे-धीरे नेटवर्क बढ़ाने में जुटा रहा।
शेरसिंह मीणा की राजस्थान लोक सेवा आयोग में आवाजाही पर एसओजी ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें यह बात सामने आई है कि मीणा ने कई बार आरपीएससी आकर स्टाफ की जानकारी ली। वह खासतौर पर परीक्षा और गोपनीय विभाग के स्टाफ की जानकारी जुटा रहा था। लिहाजा एसओजी बाबूलाल कटारा का चैंबर जांचने के अलावा कई अफसरों-कार्मिकों को टार्गेट पर ले सकती है।
जुटाता था स्टाफ की जानकारी
नाम नहीं छापने की शर्त पर आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि शेरसिंह कई बार चाय की थडि़यों और परिसर में बैठकर स्टाफ के बारे में जानकारी जुटाता था। वह परीक्षा और गोपनीय विभाग में तैनात स्टाफ, उनके कामकाज, फाइल मूवमेंट को लेकर विशेष तौर पर पूछता था। आयोग के सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर उसमें शेरसिंह की उपस्थिति नजर आएगी।
कटारा से भी मिलता था मीणा
आरपीएससी के गिरफ्तार सदस्य बाबूलाल कटारा से भी शेरसिंह मिलता था। उसकी कटारा के सिविल लाइंस आवास तथा आयोग कार्यालय में मूवमेंट को लेकर एसओजी छानबीन में जुटी है। सिविल लाइंस क्षेत्र और आयोग में लगे सीसीटीवी से फुटेज लिए जा रहे हैं।
पेपर क्यों नहीं हुए जमा
एसओजी का टार्गेट बाबूलाल द्वारा तैयार कराए गए पेपर पर है। कटारा पेपर के पैकेट आयोग में जमा कराने के बजाय घर ले गया। एसओजी की मानें तो आयोग की अंदरूनी लिप्तता के बगैर यह संभव नहीं है। साफतौर पर यह आयोग की लचर कार्यप्रणाली और सदस्यों को मिले संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग है।
Published on:
23 Apr 2023 06:58 am
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