
big problem
अजमेर
जयपुर रोड सैशन कोर्ट के सामने स्थित संयोगिता नगर भूमि पर बन रहे नए कोर्ट भवन के काम पर ब्रेक लग गए हैं। हाईकोर्ट से डिजाइनिंग को लेकर आपत्तियां आने के कारण निर्माण कार्य बंद है लेकिन यहां बेसमेंट पार्र्किंग के लिए खोदे गए विशाल गड्ढे से इस क्षेत्र से गुजरने वाले वाहन चालकों व राहगीरों के लिए हादसे की वजह बनने का भी अंदेशा उत्पन्न हो गया है।
लोग अक्सर जयपुर रोड से एडीए या राजस्व मंडल जाने के लिए इस शॉर्टकट का इस्तेमाल करते हैं लेकिन जल्दबाजी जोखिम भरी साबित हो सकती है। यहां खोदे गए गड्ढे के चारों ओर कोई फेंसिंग रिबन या सुरक्षा के साइन बोर्ड नहीं लगे हैं। सड़क से तो यह गड्ढे नजर ही नहीं आते। ऐसे में यहां बड़े वाहनों की पार्र्किंग के दौरान भी दुर्घटना की संभावना बनी हुई है।
बेसमेंट पार्र्किंग के लिए खोदा
संयोगिता नगर स्थित भूमि पर कई वर्षों के विवाद के बाद यहां सैशन कोर्ट के लिए मल्टी स्टोरी भवन बनाने की स्वीकृति मिली। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग सहित अन्य न्यायिक अधिकारियों ने इसका विधिवत शिलान्यास गत 25 फरवरी को किया गया। तब यह कहा गया था कि भवन निर्माण का कार्य करीब 2 साल में पूरा कर लिया जाएगा लेकिन काम शुरू होने के दो माह के भीतर ही यहां काम बंद हो गया। अलबत्ता श्रमिकों के आउट हाउस जरुर बने। काम के नाम पर यहां बेसमेंट पार्किंग के लिए करीब 15 मीटर गहरा गड्ढा खोदा जा चुका है। यहां चारों ओर कोई फेंसिंग नहीं होने से यह गड्ढे नजर नहीं आता।
सैकड़ों वाहनों की होती है पार्किंग
यहां वकीलों व पक्षकारों की करीब 100 से अधिक वाहन जिसमें दुपहिया भी शामिल है, की पार्र्किंग होती है इससे कुछ फीट की दूरी पर ही गड्ढा है। आने वाले बारिश के दिनों में यहां मिट्टी धंसने व गड्ढे में पानी भरने से विकट स्थिति पैदा हो सकती है। बेसमेंट के लिए खोदे गए गड्ढे के कारण आसपास की मिट्टी पोली हो गई है जिससे यहां बड़ा हादसा होने की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
शॉर्टकट के लिए इस्तेमाल
लोग जयपुर रोड से राजस्व मंडल, एडीए जाने के लिए इस मार्ग का उपयोग वर्षों से कर रहे हैं। सैशन कोर्ट से वकील, अक्सर एडीए, राजस्व मंडल, कलक्ट्रेट जाने के लिए इसी रास्ते का उपयोग करते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका बढ़ गई हैं।
अपनाएंगे जरूरी सुरक्षा उपाय
राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम अजमेर के अधिशासी अभियंता अरुण माथुर ने बताया कि हाइकोर्ट स्तर पर ड्राइंग में कुछ तकनीकी अड़चनों के चलते अदालत कक्षों की लंबाई चौड़ाई, पिलर साइज आदि में कुछ अंतर था जिसे संशोधित करवा दिया गया है। इसके बाद डिजाइन को एमएनआईटी में तकनीकी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। अगले माह से काम शुरू हो जाएगा। बेसमेंट के गड्ढे के लिए सुरक्षा के बोर्ड लगाए हुए हैं। निर्माणाधीन क्षेत्र में यातायात नहीं जाए इसके लिए बैरियर भी लगा रखा है। सुरक्षा के लिए और जरूरी उपाय कर दिए जाएंगे।
आंकड़ों की जुबानी........
4 - बीघा भूमि पर होगा निर्माण
9 - मंजिला का बनेगा कोर्ट कॉम्पलेक्स
138 -करोड़ होगी लागत
10 - करोड़ प्रारंभिक चरण
250 - चैम्बर्स, कोर्ट रूम, पक्षकार कक्ष, कार्यालय, फेसिलेटिंग एरिया, केफे आदि निर्माण।
Published on:
29 May 2018 09:05 am
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