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भूपेन्द्र सिंह अजमेर
रा’य में नई कृषि कनेक्शन पॉलिसी-2019 ( agricultural connection policy) का प्रारूप तैयार हो गया है। किसान अब ग्रामीण फीडर(rural) के अलावा शहरी फीडर (feeders) से भी कृषि कनेक्शन ले सकेगा। हांलाकि इसके लिए उसे शहरी बिजली दर (city rate )चुकानी होगी। यह कनेक्शन अधीक्षण अभियंता (se) के सत्यापन के बाद ही जारी होगा। वही अब कृषि कनेक्शन का डिमांड(dimand note) 15 तक जीवित करवाया जा सकेगा। पूर्व में 5 साल की बाध्यता थी। इसके अलावा कृषि श्रेणी के कनेक्शन के लिए अब अलग-अलग कटेगरी निर्धारित की गई है तुरंत कनेक्शन के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। बिजली कम्पनियों नई कृषि कनेक्शन पॉलिसी का प्रारूप तैयार कर सरकार को भेजा है। कैबिनेट की मुहर के बार यह पॉलिसी लागू हो जाएगी। ऊर्जा सचिव,अक्षय ऊर्जा निगम,आरवीपीएन,अजमेर डिस्कॉम,जयपुर व जोधपुर डिस्कॉम के अधिकारियों के बीच इस पॉलिसी को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इस पर चर्चा हो चुकी है।
यह भी होगा बदलाव
कृषि कनेक्शन के लिए संयुक्त खातेदारी वाली कृषि भूमि पर एक या एक से अधिक खातेदारों द्वारा कृषि कनेक्शन के ेलिए आवेदन किया जा सकता है। अन्य खातेदारों की सहमति आवश्यक नहीं होगा। पूर्व में अन्य खातेदारों की सहमति जरूरी थी। इसके लिए आवेदन फर्जी सहमति पत्र तैयार कर लेते थे तथा अवैध दस्तावेज भी प्रस्तुत कर देते थी। इससे पुलिस केस भी होते हैं निगम कर्मचारी भी लपेटे में आते है। यदि आवेदक को किसी प्रकार की असहमति है तो वह कोर्ट से स्टे लाकर कार्यवाही रुकवा सकता है।
एक ट्रांसफार्मर से जारी हो सकेंगे दो कनेक्शन
टीएसपी क्षेत्र जहां 3/5 एचपी तक के ही कृषि कनेक्शन होते हैं वहां एक ट्रांसफार्मर से दो कनेक्शन तक दिए जा सकेंगे लेकिन एलटी लाइन की अधिकत सीमा 240 मीटर तक ही होगी। कृषि कनेक्शन के लिए नाम परिवर्तन, हस्तान्तरण सहित पुरानी पॉलिसी में भी कुछ बदलाव किए गए हैं।डिस्कॉम लगाएगा कैपिसटर
एलटी शंट कैपेसिटर की कीमत निगम आवेदक से डिमांड राशि के साथ वसूला तथा कृषि कनेक्शन जारी करते समय कैपेसिटर निगम द्वारा स्थापित किया जाएगा। पूर्व में एलटी शंट कैपेसिटल आवेदक को ही स्थापित करना होता था।
जहां आवेदन वहीं मिलेगा कनेक्श
नकषि कनेक्शन जारी करते समय आवेदक को प्रमाण पत्र देना होगा कि जिस खेत परिसर/ खसरा मुरब्बा में कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया था कृषि कनेक्शन उसी खेत/ परिसर/ में जारी किया जा रहा है। इससे आवेदक द्वारा जानबूझ कर आवेदित खसरे के अलावा अन्य भूमि पर कृषि कनेक्शन जारी नहो सके एंव जारी कराने के बाद बाद माद में होने वाले विवाद के लिए आवेदक ही जिम्मेदार होगा।
Published on:
31 Aug 2019 05:44 pm
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