केवल 1.25 लाख का खर्च, प्रतिमाह 13.53 लाख की बचत सिंगल फेज को थ्री फेज में परिवर्तित कर बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए गए ड्रॉपिंग रिएक्टर डिवाइस पर केवल 1.25 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इससे प्रतिदिन 9500 यूनिट बिजली की चोरी रोकी जा रही है। इससे एक माह में 13 लाख 53 हजार रुपए की 2 लाख 85 हजार यूनिट की बिजली की बचत हो रही है।
हुक लगा कर करते हैं अर्थ
नागौर सहित अन्य जिलों में 6 घंटे थ्री फेज सप्लाई दी जाती है जबकि सिंगल फेज सप्लाई 18 घंटे तक होती है। बिजली चोर 6 घंटे थ्री फेज सप्लाई लेने के बाद 11 केवी सिंगल फेज की लाइन में हुक लगा कर तथा कैपीसिटर लगा कर अर्थ कर देते हैं। इससे सिंगल फेज बिजली थ्री फेज बिजली में परिवर्तित हो जाती है। इससे बड़े पैमाने पर बिजली चोरी होती है। कई जगहों पर बिजली कर्मचारी भी इस पूरे खेल में लिप्त हैं। नागौर जिले के 1400 फीडर में से 452 फीडर एेसे हैं जहां सिंगल पेज बिजली को थ्री फेज बिजली में परिवर्तित कर 16-18 घंटे तक प्रतिदिन बिजली चोरी की जाती। इसमें सर्वाधिक 452 फीडर नागौर के ही हैं जिनमें से 197 पर सिंगल फेज को थ्री फेज में परिवर्तित कर बिजली चोरी हो रही है। सीकर, झुंझुनू व चित्तौडग़ढ़ में इसी तरह बिजली चोरी होती है।
इनका कहना है छीजत रोकने के लिए उपाय किए जा रहे है। इसे तकनीकी रूप से कैसे कम किया जाए इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट किया गया था यह पूरी तरह सफल है। घरेलू उपभोक्ता को 24 घंटे व थ्री फेज को बिना बाधा 6 घंटे बिजली मिलेगी। छीजत घटाने के लिए फीडर सेपरेशन,पावर ट्रांसफार्मर बैलेंसिंग,कैपीसिटर लगाने का काम भी हो रहा है।
एन.एस.निर्वाण,मुख्य अभियंता(अजमेर जोन),अजमेर डिस्कॉम read more: अभद्रता बर्दाश्त नहीं,हम जनसेवक हैं बॉस नहीं