अजमेर. इस साल देशभर में हुई भारी बारिश ने किसानों, व्यापारियों समेत आमजन के आंसू निकाल दिए हैं। कई इलाकों में अतिवृष्टि का असर यह रहा कि अधिकांश फसल खराब हो गई। प्याज भी इसमें शामिल है जो अब सबको रुला रहा है। बरसात से प्याज की फसल को हुए नुकसान से पहले किसानों ने नुकसान उठाया। अब यह व्यापारियों और आमजन के आंसु निकाल रहा है। प्याज के दामों ने सैकड़ा मार दिया है। बड़ी मंडिय़ों में जहां थोक में इसके भाव 80 से 90 रुपए किलो पहुंच गए हैं, वहीं फुटकर में यह 100 रुपए किलो और शहर के बाहरी इलाकों में 120 रुपए किलो तक बिक रहा है।
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फुटकर विक्रेताओं ने बनाई दूरी
सब्जी के फुटकर विक्रेताओं ने प्याज की बिक्री से ही दूरी बना ली है। सुभाष नगर और आगरा गेट स्थित सब्जी मंडी में भी अधिकांश छोटे विक्रेताओं के यहां प्याज नहीं मिली। उनका कहना है कि प्याज के खरीदार घट गए हैं। ऐसे में 90 रुपए में खरीदकर 100 रुपए किलो बेचना भी कोई खास फायदे का सौदा नहीं रहा है।
जनवरी तक राहत की उम्मीद कम
सुभाष नगर सब्जी मंडी के थोक व्यापारी प्रकाश धनवानी ने बताया कि प्याज के दामों में जल्द गिरावट की उम्मीद कम ही है। जनवरी में मध्यप्रदेश और गुजरात आदि प्रांतों से प्याज की आवक होने पर ही प्याज के दामों में कमी आएगी। तब तक प्याज के दाम यथावत रहने के आसार हैं।
नहीं कर सकते स्टॉक
प्याज के थोक विक्रेता धनवानी के अनुसार वर्तमान में जो प्याज आ रहा है यह ताजा फसल है। यह अंकुरित होने लगती है। इसलिए इसे अधिक समय तक स्टॉक करके नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना कि प्याज की कालाबाजारी व व्यापारियों की ओर से स्टॉक कर लिए जाने से प्याज के दाम बढ़े हैं गलत होगा।
ठाले बैठे हैं पल्लेदार
सब्जी मंडी में प्याज के थोक विक्रेताओं के यहां इन दिनों पल्लेदार ठाले बैठे हैं। व्यापार चौथाई रह जाने से कामकाज पर असर पड़ा है। आम दिनों में जहां उन्हें काम से फुर्सत नहीं मिलती थी, वहीं अब दिन में उन्हें ठाले बैठ सुस्ताते देखा जा सकता है।
तडक़ा तो प्याज से ही लगेगा
आगरा गेट मंडी में सब्जी खरीद रहीं डॉ. सविता खुराना ने बताया कि हर सब्जी का जायका बढ़ाने में प्याज का अहम योगदान है। प्याज के दाम बढ़े हैं। रसोई के बजट पर इसका खासा असर भी पड़ा है, लेकिन सब्जियों में तडक़ा तो प्याज से ही लगेगा। वहीं सुभाष नगर मंडी में सब्जी खरीद रहे जितेन्द्र ने बताया कि प्याज के दाम बढऩे से रसोई का बजट गड़बड़ाया है। अब इसकी खरीदारी अब किलो में नहीं होकर कम मात्रा में हो रही है।
सलाद से हुआ दूर
होटल और रेस्टोरेंट में खाने के साथ सलाद में अब प्याज दूर होता जा रहा है। इसकी जगह अब मूली, गाजर और टमाटर ने ले ली है। सलाद में अगर प्याज मिल भी रहा है तो इसकी मात्रा बहुत कम है।
फल भी पिछड़े
प्याज के दामों में उछाल ने फलों को भी पीछ़े छोड़ दिया है। हालात यह कि इन दिनों बाजार में उपलब्ध, केला, सेब, अमरूद, पपीता सहित अधिकांश फल प्याज से कम यानी 100 रुपए प्रतिकिलो से कम में मिल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बन रहे जोक्स
रसोई से दूर हो रहे प्याज ने मोबाइल से नजदीकी बना ली है। इसके दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर जोक्स बनाए जा रहे हैं।
सरकार को पड़ा था भारी
प्याज के दाम इससे पूर्व भी महंगे साबित होते रहे हैं। प्याज के दामों में खासी बढ़ोत्तरी के चलते पूर्व में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय विपक्ष ने खासा हो-हल्ला मचाया था। देश में दिल्ली समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन भी हुए। यहां तक कि बाद में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार को हार का सामना करना पड़ा।