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नाम की ऑनलाइन प्रणाली, कॉलेज-यूनिवर्सिटी करते हैं students को परेशान

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अजमेर.

कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने डिजिटल और ऑनलाइन प्रक्रिया को ‘मजाक ’ बना रखा है। इनमें कहने को विभिन्न कोर्स में प्रवेश, सालाना परीक्षा फार्म और फीस जमा कराने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। लेकिन विद्यार्थियों से परीक्षा फार्म की हार्ड कॉपी मांगकर परेशान किया जाता है। जबकि राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्ती परीक्षाओं सहित पीटीईटी और बीएसटीसी परीक्षा में हार्ड कॉपी मांगने की परम्परा बंद हो चुकी है।

विश्वविद्यालतय प्रतिवर्ष स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के फार्म ऑनलाइन भराता है। विद्यर्थियों को पहले ई-मित्र पर ऑनलाइन फार्म भरना पड़ता है। इसके बाद बैंक में चालान से फीस और हार्ड कॉपी का प्रिंट निकालकर कॉलेजों में जमा कराना पड़ता है। यह ऑनलाइन प्रक्रिया विद्यार्थियों को जबरदस्त परेशान करती है। हालांकि बीते साल विश्वविद्यालय ने प्री-फिल्ड प्रक्रिया से आवेदन पत्र भरवाए। इसके तहत केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों से पूर्ण फार्म भरवाया गया। बाकी कक्षाओं के परीक्षा फार्म में अभ्यर्थी का पूर्व वर्ष का डाटा काम में लिया जाएगा। लेकिन हार्ड कॉपी की परंपरा बनी हुई है।

कॉलेज में भी यही हाल

कॉलेज भी प्रतिवर्ष स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रवेश देते हैं। यहां भी विद्यार्थियों से ऑनलाइन फार्म भरवाने के बाद हार्ड कॉपी जमा कराई जाती है। विद्यार्थियों को फीस के लिए ई-मित्र अथवा बैंक में चक्कर लगाने पड़ते हैं।

यह कैसी ऑनलाइन पद्धति?
कागजों से छुटकारा पाने के लिए ऑनलाइन अथवा डिजिटल प्रक्रिया अपनाई गई है। इसमें वेबसाइट पर परीक्षा, प्रवेश फार्म अथवा सामान्य कामकाज कम्प्यूटरीकृत होते हैं। विद्यार्थी अथवा आमजन संबंधित वेबसाइट पर सीधे फार्म भरते हैं। उनकी सूचनाएं सीधे सर्वर पर दर्ज होती रहती हैं। फीस प्रक्रिया के लिए डेबिट/क्रेडिट कार्ड से स्क्रेच प्रक्रिया अथवा बैंक चालान का इस्तेमाल होता है। इसमें हार्ड कॉपी निकालने और जमा कराने जैसी दिक्कतें नहीं होती। लेकिन कॉलेज और विश्वविद्यालय अब तक ऑनलाइन प्रक्रिया को समझ नहीं पाए हैं।

बीएसटीसी-पीटीईटी में नहीं हार्ड कॉपी

प्रदेश में प्रतिवर्ष पीटीईटी और बीएसटीसी परीक्षा कराई जाती है। दोनों परीक्षा में अभ्यर्थियों से सिर्फ ऑनलाइन फार्म भरवाए जाते हैं। किसी अभ्यर्थी से से हार्ड कॉपी नहीं ली जाती है। साथ ही सर्वर पर उपलब्ध ऑनलाइन डाटा से ही परीक्षा होती है। लाखों अभ्यर्थियों को ना आवेदन ना परीक्षाओं में कोई दिक्कतें होती है।