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रेलवे कर्मचारियों ने चेताया : ट्रेन संचालन निजी हाथों में देना नहीं होगा बर्दाश्त

नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने छेड़ा आंदोलन, उत्तर-पश्चिम रेलवे के १०१ स्टेशनों पर किया प्रदर्शन, रेलवे की पहली निजी ट्रेन लखनऊ -नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस आईआरटीसीसी के माध्यम से हुई शुरू

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train news

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अजमेर. नार्थ वेस्टर्न रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने शुक्रवार को पहली निजी यात्री गाड़ी का संचालन करने के खिलाफ प्रदर्शन किया। यूनियन की ओर से विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर विरोध जताया गया। रेलवे की पहली निजी ट्रेन लखनऊ -नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस का संचालन शुक्रवार को आईआरटीसीसी के माध्यम से प्रारंभ किया गया है।

इस गाड़ी को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे गुस्साए कर्मचारियों ने उत्तर-पश्चिम रेलवे के १०१ स्टेशनों पर प्रदर्शन किया।

यूनियन के मंडल सचिव अरुण गुप्ता ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से आम जनता का सबसे सुगम, सरल एवं सस्ता यातायात का साधन पहुंच से दूर किया जा रहा है। यात्री गाडि़यों का निजीकरण होने से रेल यातायात महंगा होगा।

यूनियन मंडल अध्यक्ष मोहन चेलानी ने आरोप लगाया कि सरकार ने 150 यात्री गाडि़यों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रखी है। जोनल अध्यक्ष भूपेन्द्र भटनागर ने कहा कि ट्रेन निजीकरण के फैसले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया तो बिना नोटिस के रेल का ***** जाम किया जाएगा।

रेलवे इतिहास का काला दिन

नसीराबाद. ऑल इंडिया रेलवे मैन्स फेडरेशन के आह्वान पर भारत सरकार की रेलवे में निगमीकरण व निजीकरण की नीति के विरोध में चेतावनी सप्ताह के तहत शुक्रवार को नॉर्थ वेस्र्टन रेलवे एम्पलाइज यूनियन की नसीराबाद शाखा ने विरोध किया।

इसके तहत रतलाम-जोधपुर व जोधपुर-रतलाम ट्रेन के समक्ष प्रदर्शन कर नारे लगाए। शाखा सचिव संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि शुक्रवार से रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे की दो गाडिय़ों में निजी हाथों में सौंप दिया है। यह रेलवे के इतिहास में काले दिन के समान हैं।

रेलवे एक ओर कहता है निजीकरण नहीं करेंगे, वहीं दूसरी ओर भारतीय रेलवे की रेल गाडिय़ों को निजी हाथों में सौंपकर भारत सरकार रेल कर्मचारियों के साथ विश्वासघात कर रही है।

उन्होंने बताया कि बहुत जल्द रेल मंत्रालय मुनाफे में चल रहे रेलवे के कारखानों को भी बेचने के प्रयासों में है। भारत सरकार रेलवे का निगमीकरण करना चाहती है। प्राइवेट हाथों में सौंपकर रेलवे का अस्तित्व खत्म करना बर्दास्त नहींं किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में अमित कुमार ओझा, शंकर गुर्जर, अनिल ईएसएम, नंदकिशोर जोशी, प्रहलाद, अम्बाराम, मांगीलाल, राम बाबू, लालसिंह व धनराज आदि उपस्थित रहे।



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