रक्तिम तिवारी/ अजमेर। देश में लगभग सभी जगह मुंह के कैंसर की प्राथमिक स्तर की जांच जल्द संभव हो सकेगी। इसके लिए अजमेर में इमेज प्रोसेसिंग तकनीक के तहत एक कैंसर डिटेक्ट डिवाइस तैयार किया जाएगा। यह डिवाइस मुंह के कैंसर की प्रारंभिक स्तर पर जांच के काम आ सकेगी। भविष्य में यह ग्रामीण इलाकों में लोगों की जागरूकता और रोग की पहचान के लिए कारगर सिद्ध होगी। अजमेर के बड़लिया स्थित इंनीनियरिंग कॉलेज को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन इकाई के तहत यह कुछ अहम प्रोजेक्ट मिले है। इनमें खासतौर पर मुंह के कैंसर के लिए डिवाइस, नैनो टेक्नोलॉजी युक्त एंटीना और सौर ऊर्जा उपकरण तैयार करना शामिल है। देश के विभिन्न आईआईटी और एनआईटी के शिक्षक यह प्रोजेक्ट और तकनीक तैयार करने में सहयोग करेंगे।
डाटा की डाउनलोडिंग और रिर्साविंग के लिए नैनो टेक्नोलॉजी युक्त एंटीना बनाया जाएगा। मोबाइल कंपनियों, तकनीकी और सरकारी संस्थान को फायदा मिलेगा। एंटीना से त्वरित सिग्नल मिलने से डाटा प्राप्त करने— भेजने में सहूलियत होगी। नैनो टेक्नोलॉजीयुक्त वाटर प्यूरीफायर तकनीक भी विकसित की जाएगी। पानी में पारा, क्रोमियस, वैडमियम, आर्सेनिक, सीसी को पहचाने में मदद मिलेगी।
सौर ऊर्जा के सोलर प्लेट में अधिकाधिक भंडारण और ऊर्जा रूपान्तरण के लिए कन्वर्टर बनाया जाएगा। यह सोलर कन्वर्टर धातु और ग्लासयुक्त होगा। सूरज की रोशनी का भंडारण इसी प्लेट में होता है। अधिकाधिक सौर ऊर्जा भंडारण, बिजली के बिल की खपत कम करने की तकनीक विकसित होगी।
बड़लिया इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर मोदानी ने बताया कि कॉलेज को मिले प्रोजेक्ट देश के तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा में अहम साबित होंगे। इनसे नई शोध अवधारणा और तकनीकी विकास में सहयोग मिलेगा। अजमेर एक तकनीकी शिक्षा हब के रूप में सामने आएगा।