scriptअजमेर नगर निगम में फिर रार, आयुक्त और महापौर में कागजों में हो रही जंग | Paper war between Ajmer Municipal Corporation again in Rar Commissione | Patrika News

अजमेर नगर निगम में फिर रार, आयुक्त और महापौर में कागजों में हो रही जंग

locationअजमेरPublished: Jan 14, 2020 04:16:52 pm

Submitted by:

himanshu dhawal

बजट बैठक की तारीख बताएं- आयुक्त, आपकी कार्यशैली सही नहीं है-महापौर
निगम में साधारण सभा बुलाए जाने की बात पर फिर आमने-सामने, मेयर ने कहा -मुख्यमंत्री को देनी होगी आयुक्त के कृत्यों की जानकारी, आयुक्त बीमार : उपायुक्त ने चलाई नोटशीट

Nagar Nigam Ajmer : ....तो इसलिए करना होगा अवकाश के दिन भी कार्य

Nagar Nigam Ajmer : ….तो इसलिए करना होगा अवकाश के दिन भी कार्य

अजमेर. नगर निगम में आगामी बजट को लेकर साधारण सभा बुलाए जाने की बात पर महापौर धर्मेन्द्र गहलोत व आयुक्त चिन्मयी गोपाल एक बार फिर आमने-सामने हो गए हैं। आयुक्त ने कई दिनों बाद साधारण सभा बुलाए जाने के लिए महापौर से तारीख पूछी तो महापौर ने जवाब में दो पेज से लम्बी टिप्पणी लिखकर आयुक्त की कार्यशैली पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही यह कहते हुए नोटशीट लौटा दी कि तारीख पूछने से पहले एजेंडा तैयार तो करें।
आयुक्त ने लिखा : जीसी के लिए शाखाओं से प्रस्ताव नहीं मिले

आयुक्त के हवाले से उपायुक्त ने मेयर को लिखा है कि आयुक्त का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए वे अवकाश पर हैं। आपके 25 सितम्बर के यूओ नोट को उसी दिन उपायुक्त को भिजवा दिया गया, दूसरे दिन 26 सितम्बर को समस्त विभागों से प्रस्ताव मांग लिए गए। इसके बाद 13 नवम्बर को भेजा गया यूओ नोट भी उसी दिन उपायुक्त को भेज दिया गया। वहां से 6 जनवरी को सभी शाखा प्रभारियों को सात दिवस में प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक अधिकांश शाखाओं से प्रस्ताव नहीं मिले हैं। राजकीय आदेशों की पालना में 15 फरवरी से पूर्व बजट बैठक का आयोजन बाध्यकारी प्रावधान है। अत: बैठक के लिए दिनांक सुनिश्चित करावें।
मेयर बोले: आप बचना चाहती हैं साधारण सभा से

महापौर ने सोमवार को भेजे जवाब में लिखा है कि साधारण सभा के लिए आपको दो बार यूओ नोट भेजा गया लेकिन साधारण सभा नहीं बुलाई गई। अब बजट के लिए साधारण सभा आवश्यक हो गई तब आपकी कुंभकर्णी नींद खुली है। इसमें भी एजेंडा नहीं बताया गया। इससे स्पष्ट होता है कि आप साधारण सभा से बचना चाहती हैं। अब भी 13 नवम्बर वाले आदेशों का हवाला देते हुए साधारण सभा बुलाने की बात कही है। यह पूरी तरह से नगर पालिका अधिनियमों के विरुद्ध है। महापौर ने लिखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के यह संज्ञान में नहीं आया है, लगता है आपके कृत्यों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी जाए। गहलोत ने यहां तक लिखा है कि आप अहंकार में यह भी भूल गई कि जनप्रतिनिधियों से किस प्रकार व्यवहार किया जाता है। आपको यह भ्रम हो गया कि निगम में भाजपा का बोर्ड है और राज्य में कांग्रेस सरकार होने के कारण मैं आपके खिलाफ कोई कार्रवाई करवाने में असमर्थ रहूंगा।
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