
coaching institute teaching
अजमेर.
कोरोना लॉक डाउन से भारत और पूरी दुनिया भले ही जूझ रही है लेकिन यह वक्त नवाचार अपनाने और पुरानी यादों को टटोलने और सीखने का बेहतरीन अवसर दे रहा है। हमेशा कोचिंग में सुबह से देर रात तक व्यस्त रहने वाले अजमेर के इंस्टीट्यूट संचालकों की दिनचर्या भी इन दिनों बदल गई है। लॉक डाउन में ऑनलाइन लेक्चर और विद्यार्थियों से क्लास के बजाय वीडियो कॉलिंग से जुडऩे का नया अनुभव मिल रहा है। आरजी एकेडमी के निदेशक गिरीश जैन ने पत्रिका से अपने अनुभव यूं साझा किए।
जीवन का पहला उ²ेश्य है टीचिंग
गिरीश कहते हैं कि जीवन में टीचिंग उन्हें हमेशा पसंद है। वे और उनकी टीम सुबह से ऑनलाइन वीडियो तैयार कर नीट, जेईई मेन और जेईई एडवांस टेस्ट की तैयारी में जुटे विद्यार्थियों के लिए अपलोड करते हैं। वे टीचर्स के साथ विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान ऑनलाइन करते है। तकनीकी माध्यमों से देशभर की ऑनलाइन स्टडी गतिविधियों और नवाचार से रूबरू होते हैं। सुबह कुछ देर योग और हल्क व्यायाम भी करते हैं। फुर्सत मिलने पर पसंदीदा लेखकों की किताबें भी पढ़ते हैं।
आत्मविश्वास और धैर्य से करें तैयारी
गिरीश कहना है कि कोरोना लॉक डाउन और उसके बाद वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन टीचिंग, ई-मीटिंग जैसे नवाचार होंगे। विद्यार्थियों को भी इस अवधि में धैर्य और आत्मविश्वास रखने की जरूरत है। विद्यार्थी पुस्तक, कोचिंग मेटेरियल और ऑडियो-वीडियो माध्यम उपलब्ध है उससे तैयारी करते रहें। कुछ वक्त अपने लिए भी निकालें। इंडोर गेम, क्रॉसवर्ड पजल सॉल्व, न्यूज पढऩे-सुनने से वे तनाव मुक्त रह सकते हैं।
बच्चों के लिए तैयार करते हैं लेक्चर
सामान्य दिनों में मास्टर्स एकेडमी में ही रूटीन क्लास लेने वाले निदेशक राजेश शर्मा अब ऑनलाइन टीचिंग में व्यस्त हैं। घर पर ही सुबह सैर करने के बाद उनकी ऑनलाइन क्लास शुरू होती है। एकेडमी के टीचर्स और वे सभी विषयों के वीडियो अपलोड करते हैं। दोपहर तक यह सिलसिला चलता है। शाम को वॉट्सएप ग्रुप, ई-मेल और वीडियो कॉलिंग में प्रॉब्लम साल्विंग सत्र चलता है।
बच्चों के साथ ताश-लूडो
राजेश कोचिंग में आम दिनों में सुबह से देर रात व्यस्त रहते हैं। कोरोना लॉकडाउन से अर्से बाद वे परिवार के साथ कुछ वक्त निकाल पाए हैं। कुछ देर बच्चों के साथ ताश, लूडो, कैरम खेलते हैं। मौका मिलने पर परिवार के सदस्यों-मित्रों से वीडियो कॉलिंग से बातचीत करते हैं।
जीवन में बनें आत्मनिर्भर
जब चलना है खुद के पैरों पर, क्यों भरोसा करते हो गैरों पर..फलसफे को अपनाने वाले राजेश ने विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने को कहा है। उन्होंने कहा कि नीट, जेईई मेन की तैयारी करने वाले विद्यार्थी रोज पढ़े और टेस्ट की प्रेक्टिस करें। वे चाहें तो टाइम फिक्स कर 50 या 100 सवाल हल करें, ताकि उनकी स्पीड बनी रहे। उनका कहना है कि विद्यार्थी इस दौरान विषयवार कमियों को चिन्हित कर उनका समाधान खोज सकते हैं। उन्हें धैर्य, अनुशासन और लगन ही कामयाबी मिल सकती है।
Published on:
25 Apr 2020 08:49 am
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