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अनशनकारी पटवारी खुले में बिता रहे सर्द रात

राजस्थान पटवार संघ के तत्वावधान में पिछले 18 दिन से चल रहे आंदोलन के तहत प्रदेशभर के पटवारी खुले आसमां तले सर्द रात गुजार रहे हैं। दिसम्बर की तेज सर्दी में ये पटवारी खुले आसमान में रजाई ओढ़े सड़क पर ही सो रहे हैं।

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अजमेर. राजस्थान पटवार संघ के तत्वावधान में पिछले 18 दिन से चल रहे आंदोलन के तहत प्रदेशभर के पटवारी खुले आसमां तले सर्द रात गुजार रहे हैं। दिसम्बर की तेज सर्दी में ये पटवारी खुले आसमान में रजाई ओढ़े सड़क पर ही सो रहे हैं।

वहीं अनशन पर बैठे प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र निम्मिवाल के साथ अन्य चार जनों के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी है। प्रशासनिक स्तर पर इनकी मेडिकल जांच की गई। मेडिकल रिपोर्ट में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी गई है। पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने सरकार व राजस्व मंडल पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है।

महिला पटवारी भी शामिल

आंदोलनकारियों को समर्थन देने में महिला पटवारी भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने भी आंदोलन में भागीदारी निभाते हुए मांगें पूरी करवाने का संकल्प किया है। महिलाएं भी सर्दी में बच्चों के साथ सड़क पर बैठकर आंदोलन में हिस्सा ले रही हैं। इससे पहले बुधवार को भी पटवारियों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कई किलोमीटर लंबी रैली निकाली व आंदोलन को समर्थन दिया।

धरना नहीं अनशन, बढ़ने लगी संख्या

संघ पदाधिकारियों का आरोप है कि प्रदेशाध्यक्ष 18 दिन से अनशन पर हैं, लेकिन इसे धरना कहा जा रहा है। नागौर जिलाध्यक्ष बुधाराम जाजड़ा 11 दिन से तथा धौलपुर जिलाध्यक्ष रामनिवास जाटव 12 दिन से अनशन पर हैं। पुरुषोत्तम गौतम बारां 5 दिन से अनशन पर हैं। अभी बड़ी संख्या में पटवारी सड़क पर ही बिस्तर लगा कर सो रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि सरकार को पटवारियों की मांगों पर सुनवाई कर संवेदनशीलता का संदेश देना चाहिए।

जैसलमेर से पटवारियों को लेकर आई बस, चालक को किया पाबंद

पटवारियों को लेकर आई निजी बस रोडवेज बस स्टैंड प्रांगण में प्रवेश कर गई। इसकी जानकारी मिलते ही रोडवेज बस स्टैंड के ड्यूटी ऑफिसर लक्ष्मण सिंह भाटी व रोमेश यादव मौके पर पहुंचे। जैसलमेर जिले से निजी बस में आए भटियाणी के पटवारी अरुण कुमार भाटी, नरपत सिंह व बस चालक सुमेर सिंह से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि जीपीआरएस में ब्यावर का रास्ता वाया बस स्टैंड दिखाने के कारण वह परिसर में भूलवश प्रवेश कर गए। इसके बाद उन्हें पाबंद कर छोड़ा गया।

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अनशनकारी पटवारी खुले में बिता रहे सर्द रात