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अजमेर में बाढ़ से लोग परेशान… पानी में डूबे कई घर, आश्रय लेकर रहने पर मजबूर; अब भी नहीं उतरा पानी

अजमेर में दो दिन तक हुई जमकर बरसात का पानी अभी तक नहीं उतरा है।

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floods in Ajmer

Photo- Patrika Network

Ajmer Flooding: अजमेर में दो दिन तक हुई जमकर बरसात से शहर की कई सड़कों-गलियों में पानी भर गया है। इससे शहरवासियों की परेशानी कायम है। रविवार को बरसात नहीं हुई। दिनभर धूप-छांव का दौर चला। अधिकतम तापमान 30.7 और न्यूनतम 21.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग के अनुसार शहर में 1 जून से अब तक 610.7 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है।

कॉलोनियों में भरा रहा पानी

मूसलाधार बरसात का पानी रविवार को भी कई इलाकों में भरा नजर आया। वैशाली नगर सेक्टर-तीन,साहू का कुआं, बधिर विद्यालय के पीछे, वन विहार कॉलोनी, जादूघर, नगरा, अलवर गेट और आसपास के इलाकों में पानी भरा है। नगर निगम और एडीए ने मड पप लगाकर पानी निकासी के प्रयास किए। कई-बड़े और छोटे नाले लबालब हो गए हैं।

प्रमुख सड़कें रही अवरुद्ध

पुरानी आनासागर चौपाटी-गौरव पथ, केसरबाग चौकी-सुभाष उद्यान और हाथीभाटा-ब्रह्मपुरी-जयपुर रोड पर पानी भरा रहा। ट्रेफिक लगातार दूसरे दिन डायवर्ट रहा। वाहन अंदरूनी गलियों से होकर निकले। बरसात नहीं होने से कुछ राहत मिली। वरुणसागर, बांडी नदी के छलकने से आनासागर में लगातार पानी की आवक बनी रही।

महावीर कॉलोनी हुई जलमग्न

महावीर कॉलोनी बरसात से जलमग्न हो गई है। रिखब सुराना और क्षेत्रवासियों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, नगर निगम आयुक्त, अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त को नाले से अतिक्रमण हटाने की मांग की गई थी। बीती फरवरी में एडीए आयुक्त ने 39.62 लाख की वित्तीय स्वीकृति के आदेश भी दिए पर टेंडर जारी नहीं हुए। नगर निगम की उपायुक्त ने अवैध निर्माण हटाने को नोटिस जारी कर किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

बहते रहे नाले-झरने

काजी का नाला, आंतेड़ का नाला, जवाहर नाडी, लोहागल-शास्त्री नगर की पहाड़ी क्षेत्रों के नालों में पानी बहता रहा। इसके अलावा पंचशील-माकड़वाली रोड, राजीव कॉलोनी-एलआईसी कॉलोनी, अजयपालबाबा मंदिर के निकट पहाडिय़ों से झरने भी बहते नजर आए।

घरों में भरा पानी, लोग आश्रयस्थलों रहने को मजबूर

अतिवृष्टि के बाद जलमग्न कॉलोनियों से त्रस्त परिवारों को जिला प्रशासन की ओर से आश्रयस्थलों में ठहराने का बंदोबस्त किया है। घरों में पानी भराव से हुए नुकसान के बाद कई परिवार पिछले तीन दिनों से आश्रयस्थलों में रह रहे हैं। कुछ महिलाएं ने व्यवस्थाओं को सराहा तो कच्ची बस्ती की कुछ महिलाएं पूड़ी-सब्जी को नाकाफी बताती नजर आईं। महिलाएं बोलीं-हमे तो सूखा सामान दे दो, हम बना लेंगे।

घर चाहे झोंपड़ा ही हो, याद तो आती है…

पाल क्षेत्र निवासी कमलादेवी ने कहा कि मेरा घर पूरा पानी में डूबा गया है। तीन दिन से यहां रह रहे हैं। सुबह नाश्ता और दोपहर में खाने के पैकेट आ रहे हैं। पानी के कैंपर रखे हैं। सोने के लिए रजाई बिस्तर सब हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस भी रह रही है। घर की याद तो आएगी.. घर बिना क्या है? चाहे झोंपड़ा ही हो।

उधर, जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के टीबी अस्पताल एवं कार्डियोलॉजी विभाग में मरीजों को पहुंचने एवं डिस्चार्ज के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टीबी अस्पताल पानी से घिरा होने से ना तो परिजन खाना ला पा रहे हैं ना मरीज को पहुंचा पा रहे हैं। आनासागर झील के गेट खोलने के बाद पानी निकासी तेज होने एवं सड़क पर पानी भरने से जयपुर रोड पर टीबी अस्पताल परिसर में भी पानी भर गया। घुटने से उपर तक पानी भरा होने से पैदल मरीजों का पैदल आना-जाना बंद रहा। ओपीडी में मरीज ही नहीं पहुंच पाए, जबकि भर्ती मरीजों के परिजन बाहर से खाना पहुंचाने, चाय-दूध एवं नाश्ता आदि के लिए गहरे पानी से निकलने को मजबूर हुए।