
दिलीप शर्मा/ एन. डी. खान अजमेर/ गगवाना .सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर बीसलपुर से अजमेर पानी शहरी क्षेत्र में भले ही पहुंचा दिया हो लेकिन इन सब से उलट गांवों में स्थिति चिंताजनक है। यहां बीसलपुर की लाइन में पानी की आपूर्ति 8 से 10 दिन के अंतराल में होना आम बात है। एक गांव में तो कब्रिस्तान व श्मशान में लगे हैंडपंपों से ही ग्रामीण महिलाओं को पानी भरना पड़ता है। वहीं कुछ गांवों में भामाशाह टैंकर डलवा कर ग्रामीणों की पानी की जरूरत पूरी कर रहे हैं।
ग्राम पंचायत भवन में 15 वर्ष पूर्व पुष्कर विधायक व मंत्री दिवंगत रमजान खां के कार्यकाल में भूतल जलाशय बनाया था। इसमें बाघपुरा ट्यूबवैल से पानी की सप्लाई की जा रही है। वर्षा की कमी और निरंतर ग्रामीणों की प्यास बुझाते-बुझाते इसमें अब इसमें जलस्तर काफी कम हो गया है। इसके चलते आज तपती दोपहरी में महिलाओं को हैंडपंप से पानी भरना पड़ता है।
पेयजल किल्लत के चलते निजी टैंकरों से भी लोग पानी मंगवाते हैं। ग्रामीणों का कहना है जलदाय विभाग पानी की टंकी स्वीकृत होने की बात कहता है। लेकिन टंकी कब बनेगी इसकी कोई जानकारी किसी को नहीं है। न ही गांव को बीसलपुर से जोड़ा है।
'होशियारा उच्च जलाशय से हो आपूर्ति
गांव में लंबे समय से पेयजल किल्लत है। होशियारा उच्च जलाशय से गांव की आपूर्ति जोड़ दी जाए तो समस्या का निदान हो सकता है।
-ब्रजराज सिंह राठौड़
गांव में लंबे समय से स्थाई पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की। बीसलपुर का पानी भी नहीं आया है। नलकूप से ही काम चला रहे हैं। हैंडपंप का जलस्तर घट गया है और उसमें अब खारा पानी आता है।
-बशीर खान चौहान
महिलाओं का पूरा दिन हैंडपंप से पानी भर कर लाने में ही गुजर जाता है। यहां पानी की समस्या के लिए कोई सुनवाई करने वाला नहीं है।
-रज्जाक मोहम्मद रज्जाक मोहम्मद
जलाशय का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बीसलपुर लाइन से जलाशय को जोड़ा जाएगा। जलाशय पूरा बनते ही जलापूर्ति की समस्या का निदान हो जाएगा।
-संपत सिंह राठौड़, सरपंच ग्राम पंचायत अरड़का
Published on:
04 Apr 2018 02:56 pm
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