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राजस्थान की अनोखी है यह यूनिवर्सिटी, आप नहीं कर सकते यहां पीएचडी

locationअजमेरPublished: May 18, 2019 08:25:35 am

Submitted by:

raktim tiwari

वर्ष 2102 से 2014 तक परीक्षा नहीं कराने का असर 2015 से 2017 तक आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में नजर आया था।

phd entrance exam

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अजमेर.

शोध करने के इच्छुक विद्यार्थियों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा का इंतजार है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय बेफिक्र है। कुलपति के कामकाज पर लगी रोक से शोध कार्यक्रम गड़बड़ा चुका है। पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराने को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही है।
यूजीसी के निर्देश पर सभी विश्वविद्यालयों ने देश में वर्ष 2009-19 से पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराना शुरू किया। इसमें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय भी शामिल है। विश्वविद्यालय ने वर्ष 2010, 2011, 2015, 2016 और 2018 में परीक्षा कराई। यूजीसी के प्रतिवर्ष परीक्षा कराने के निर्देशों की यहां कभी पालना नहीं हुई। पहले कोर्स वर्क बनाने में देरी हुई। फिर कोर्स वर्क को लेकर कॉलेज और विश्वविद्याल में ठनी रही। पूर्व कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी के प्रयासों से पीएचडी के जटिल नियमों में बदलाव के बाद विश्वविद्यालय परीक्षा करा सका।
डेढ़ साल से अटकी परीक्षा
पिछले डेढ़ साल से शोध प्रवेश परीक्षा अटकी हुई है। पूर्व कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली के आकस्मिक देहान्त और मौजूदा कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर रोक लगने मामला गड़बड़ा गया है। शोध करने के इच्छुक कई शिक्षकों, विद्यार्थियों को पीएचडी प्रवेश परीक्षा का इंतजार है। वे कई बार विश्वविद्यालय में संपर्क कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन के पास कोई जवाब नहीं है।
देरी का दिखेगा असर….

विश्वविद्यालय के वर्ष 2102 से 2014 तक परीक्षा नहीं कराने का असर 2015 से 2017 तक आयोजित हुए दीक्षांत समारोह में नजर आया था। तीनों समारोह में 20 से भी पीएचडी डिग्री बांटी बांटी। इससे पूर्व में हुए दीक्षांत समारोह में सौ से 125 तक पीएचडी डिग्रियां दी जाती रही थीं। नवें दीक्षान्त समारोह में भी कुछ यही नजारा दिखेगा।
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