
पिरिफोर्मिस सिंड्रोम हो सकती है साइटिका की वजह- डॉ. सोनी
अजमेर. अगर आपके कूल्हे से दर्द शुरू होकर नीचे पैरों तक जाता है तो वह स्लिप ***** नहीं बल्कि पिरिफोर्मिस सिंड्रोम के कारण हो सकता है। लम्बे समय तक बैठे रहने, गलत तरीके से बैठने, पेंट के पीछे की जेब में पर्स या मोबाइल रखने, लम्बे समय तक मुड्ढे पर बैठे रहने से पिरिफोर्मिस मांसपेशी में सूजन या खिंचाव से इसके नीचे से निकलने वाली साइटिक नस दब जाने से समस्या होती है।
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के भौतिक चिकित्सा एवं पुनर्वास चिकित्सा की सहायक आचार्य डॉ. प्रीति सोनी ने बताया कि दबाव के कारण साइटिक नस में भी सूजन आ जाती है। पीडि़त को पैर में जलन या चुभन जैसा दर्द होने लगता है, जिसे बोलचाल की भाषा में साइटिका कहते हैं। पिरिफोर्मिस मांसपेशी की टाइटनेस (जकड़न) और एलॉन्गशन (ओवर स्ट्रेचिंग) साइटिका का कारण हो सकता है।
अनुभवी चिकित्सक ही कर पाते हैं पहचान
सोनी ने बताया कि केवल अनुभवी चिकित्सक ही इस सिंड्रोम को ठीक से डायग्नोज़ कर पाते हैं। अधिकतर मामलों में इस समस्या का स्लिप ***** मानकर इलाज़ शुरू कर दिया जाता है। मरीज लंबे समय तक दर्द निवारक दवाइयां लेते रहते हैं। जिससे किडनी तक ख़राब होने की आशंका रहती है। अनुभवी पीएमआर विशेषज्ञ डॉक्टर की ओर से दर्द के कारणों की पूरी तरह से जांच कर दवाइयां एवं कसरत बताई जाती हैं। कसरत पीएमआर विभाग में ही फ़िज़ियोथैरेपिस्ट की ओर से मरीजों को समझाई जाती हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर की ओर से अल्ट्रासाउंड मशीन की मदद से पिरिफोर्मिस मांसपेशी में इंजेक्शन लगाकर मांसपेशी और नस की सूजन को कम किया जाता है। मरीज को अस्पताल में भर्ती रहने की कोई जरूरत नहीं होती एवं दर्द से तुरंत आराम मिलता है।
पीएमआर विभाग में आधुनिक उपकरण-तकनीक
साइटिका के मूल कारण की सही पहचान व निदान ही मरीज को इस बीमारी निजात दिला सकता है। पीएमआर विभाग में नवीनतम तकनीक से मरीजों का इलाज कर उन्हें माइग्रेन, कमर, घुटने, कूल्हे, एड़ी, गर्दन, नसों आदि के दर्द से आराम दिया जाता है। इसके अलावा विभाग में बोटॉक्स, नर्व ब्लॉक, पीआरपी आदि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की सुविधा भी उपलब्ध है।
Published on:
25 Sept 2022 02:03 am
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