
Id proof must for plant purchase
अजमेर.
वन विभाग को पौधरोपण के लिए बरसात का इंतजार है। विभिन्न पौधशालाओं में फलदार, छायादार और पुष्पीय पौधे तैयार किए गए हैं। मानसून सक्रिय होते ही विभाग जिले के ढाई हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जुलाई से सितम्बर के बीच पौधरोपण कराएगा।
वन विभाग प्रतिवर्ष बरसात के दौरान जिले में फलदार, छायादार और पुष्पीय पौधे लगाता है। यह कार्य स्वयं सेवी संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों, स्काउट-गाइड, सरकारी महकमों, शैक्षिक संस्थाओं के जरिए होता है। विभाग की विभिन्न पौधशाला में कई प्रजातियों के पौधे तैयार किए गए हैं। जिले में जुलाई से सितम्बर के दौरान मानसून की सक्रियता रहेगी। इसी दौरान वन विभाग विभिन्न इलाकों में पौधरोपण कराएगा।
मानसून पर टिकी हैं निगाहें
विभाग की निगाहें मानसून पर टिकी हैं। पहले जून के दूसरे पखवाड़े में बरसात के दावे किए गए थे। लेकिन प्रदेश तक मानसून नहीं पहुंचा है। बरसात के बगैर विभाग भी पौधरोपण नहीं करा सकता है। मालूम हो कि साल 2015 में कम बरसात के चलते विभाग को ढाई हजार के बजाय 1 हजार हेक्टेयर इलाके में ही पौधरोपण कराना पड़ा था।
यह पौधे किए तैयार
छायादार-करंज, शीशम, अमलताश, नीम, बड़, सेमल, कचरना, गुलमोहर, अशोक, शीशम, गुलर
पुष्पीय पौधे-गुलाब, चांदनी, चमेली, गुड़हल, नाग चम्पा, कनेर, बोगनवेलिया, रात रानी, क्रोटन, रेलिया
फलदार-अमरूद, जामुन, सीताफल, अनार, इमली, गौंदा, फालसा, पपीताबरसात के दौरान पौधरोपण
Published on:
23 Jun 2019 07:44 am
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