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पुलिस नहीं समझ पाई तमिल गैंग की भाषा, बुलाना पड़ा इडली-डोसे वाले को

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police arrest gang

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अजमेर.

होटल एंबेसी के बाहर खड़ी फॉरचुनर कार का शीशा तोडकऱ ब्रीफकेस में रखे 10 लाख रुपए, लाईसेंसी रिवाल्वर व दस्तावेज चुराने के मामले में कोतवाली पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को गैंग से राज उगलवाने में दिक्कतें हुई। तमिल भाषा समझने के लिए तमिलनाडु के इडली-डोसे वाले को बुलाना पड़ा।

टीम सरगना की तलाश में तमिलनाडू के लिए रवाना कर दी गई है। चोरी की रकम 10 लाख रुपए में से गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस मात्र 2.27 लाख ही बरामद कर सकी है। शेष राशि करीब साढ़े सात लाख रुप सरगना माने जा रहे त्रिचुरापल्ली सणमुगम उर्फ चंद्रशेखर के पास है जो वारदात के फौरन बाद रकम लेकर आरोपियों से अलग हो गया था।

पुलिस वृत्ताधिकारी उत्तर डॉ प्रियंका ने बताया कि जीआरपी पुलिस की सूचना के बाद पुलिस ने चोरी की वारदात में शामिल नौ आरोपियों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार को सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमांड लिया जाएगा।

इन्हें किया गिरफ्तार

त्रिचरापल्ली रामजीनगर कलीपुड़ी निवासी आनंदराज, के. नवीन कुमार, कुमुरन, रंगन, शिवा, कनन व सुरेश कुमार को गिरफ्तार किया है।

पहले ही शहर छोडऩे की योजना बना चुके थे

वारदात के बाद सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि आरोपी वारदात के फौरन बाद अलग अलग रास्तों पर निकल गए। कचहरी रोड, तोपदड़ा, मदार गेट आदि क्षेत्रों में अलग अलग देखे गए हैं। इसके बाद यह रेलवे स्टेशन पर एकत्र जोधपुर इंदौर की ट्रेन में बैठ गए। इस बीच इनका सरगना कहे जाने वाले सणमुगम उर्फ चंद्रशेखर 7.77 लाख रुपए लेकर इनसे अलग होकर दूसरे डिब्बे में बैठ गया। वारदात के बाद शहर छोडऩे का प्लान पहले ही तैयार था। गैंग के कुछ साथी स्टेशन पर पहले ही टिकट लेकर खड़े थे। वादात के कुछ ही मिनट बाद यह ट्रेन में रवाना हो गए।

पुलिस का समन्वय काम आया

कोतवाली थाना प्रभारी छोटीलाल ने बताया कि वारदात के फौरन बाद सीसी टीवी फुटेज अभय कमांड सेंटर व जीआरपी के सीसीटीवी के जरिए आरोपियों को जल्द ही ट्रेस कर लिया गया। इसके साथ ही निम्बाहेड़ा पुलिस को भी आरोपियों के हूलिए व फोटो भेज दिए जिससे पुलिस ने इन्हें वारदात के छह घंटे के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया।