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POLITICS : फिर कैसे होगी आधी आबादी की पूरी भागीदारी

पंचायतीराज चुनाव : चार दिन में चार महिलाएं भी नहीं आईं आरक्षण लॉटरी में50 : प्रतिशत पद आरक्षित हैं महिलाओं के लिए

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POLITICS : फिर कैसे होगी आधी आबादी की पूरी भागीदारी

POLITICS : राजनीति : फिर कैसे होगी आधी आबादी की पूरी भागीदारी

दिनेश कुमार शर्मा

अजमेर.

महिलाओं ने अब हर क्षेत्र में प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उच्च शिक्षा अर्जित कर प्रशासनिक सेवा में भागीदारी निभा रही हैं तो खेलों के जरिए दुनिया में धाक जमाई है। पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर चलाने की दिशा में भी उनका योगदान कम नहीं है। आधी-आबादी ने हर क्षेत्र में मुकाम हासिल कर खुद को साबित किया है।

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अजमेर की बेटियों ने भी मॉडलिंग, स्पोट्र्स, एडमिनिस्ट्रेशन सहित सभी क्षेत्रों में परचम फहराया है। इसके बावजूद जिले में गांवों की सरकार में भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर गत दिनों निकाली गई आरक्षण लॉटरी में महिलाओं का रुझान अधिक नजर नहीं आया है।

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कलक्ट्रेट सभागार में लॉटरी निकाले जाने के दौरान चारों दिनों में जहां 350 के करीब पुरुष अपने भाग्य का फैसला देखने आए, वहीं महिलाएं 4 दिन में 4 भी नहीं पहुंचीं। जबकि पंचायतराज चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित हैं।

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राजनीति में महिलाओं का रुझान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। वे अब घूंघट छोड़ घर से बाहर निकल रही हैं। अपनी समस्याओं का समाधान कराने के लिए जोरदार तरीके से आवाज भी उठा रही हैं।

वंदना नोगिया, जिला प्रमुख

महिलाएं की राजनीति में भागीदारी बढ़ी है। वे पुरुषों से भी बेहतर काम कर रही हैं। अच्छी बात यह है कि पढ़ी-लिखी जनप्रतिनिधि अब महिलाओं के उत्थान की दिशा में भी बेहतर कार्य कर सकेंगी।

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सरिता गैना, पूर्व जिला प्रमुख

राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पहले की अपेक्षा बढ़ी है। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र में अभी और जागरुकता लानी होगी। महिलाओं से भेदभाव मामले में सोच बदल रही है। इसके बेहतर परिणाम आएंगे।

सबा खान, अध्यक्ष, महिला कांग्रेस

निचले स्तर पर जाग्रति आनी चाहिए। संगठन की ओर से जिला व मंडल स्तर पर महिला कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर अधिकाधिक मौके दिए जा रहे हैं।

देवीशंकर भूतड़ा, देहात जिलाध्यक्ष, भाजपा

संगठन महिलाओं की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक व पारिवारिक सहित अन्य कारणों से महिलाओं में कुछ झिझक है। परिजन को ही यह झिझक दूर कर महिलाओं को राजनीति के क्षेत्र में आगे लाना चाहिए।

भूपेन्द्र सिंह राठौड़, देहात जिलाध्यक्ष, कांग्रेस