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दानपात्रों से मिले चढ़ावे ने खोली पोल

ब्रह्मा मंदिर के महंत सोमपुरी के निधन के बाद कलक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में गठित प्रबंध कमेटी के निर्देशन में खोले गए दानपात्रों में से निकली राशि ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कमेटी की ओर से खोले गए दानपात्रों से मात्र सोलह दिन में 7 लाख 15 हजार रुपए नकद मिले हैं जिनमें रेजगारी अलग से है।

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मुंबई

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ajay yadav

Feb 18, 2017

पुष्कर. ब्रह्मा मंदिर के महंत सोमपुरी के निधन के बाद कलक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में गठित प्रबंध कमेटी के निर्देशन में खोले गए दानपात्रों में से निकली राशि ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कमेटी की ओर से खोले गए दानपात्रों से मात्र सोलह दिन में 7 लाख 15 हजार रुपए नकद मिले हैं जिनमें रेजगारी अलग से है।

यह राशि देवस्थान विभाग के निर्देशन में दान पात्र खोलने के बाद दिखाई जाने वाली राशि से लगभग चार गुना ज्यादा है। एेसे में कहा जा रहा है कि पूर्व में चढ़ावे की राशि में गड़बड़झाला हो रहा था।

ऐसे हुआ खुलासा

कमेटी ने गत 31 जनवरी को दान पात्र खोले थे। इसके बाद देवस्थान व प्रबंध कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में दान पात्रों को सील्ड कर दिया गया। शुक्रवार सुबह करीब दस बजे उपखंड अधिकारी मनमोहन व्यास, अतिरिक्त कोषाधिकारी काश्मीर सिंह व अन्य की मौजूदगी में मंदिर में रखे दस दान पात्र खोले गए जिनमें 7 लाख 15 हजार रुपए निकले।

खास बात यह है कि इन सोलह दिनों में कोई बड़ा मेला या महोत्सव का चढ़ावा शामिल नहीं है।

दो करोड़ प्रतिवर्ष का अनुमान

दानपात्रों से मिली राशि का सामान्य तौर पर आकलन किया जाए तो वर्ष भर में करीब पौने दो करोड़ रुपए का चढ़़ावा होता है। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा, सावन मास के मेलों के दौरान सामान्य से करीब पांच गुना श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। केवल पुष्कर मेला व रामदेवरा मेला में करीब पांच लाख श्रद्धालु ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करके जाते हैं।

इस दौरान की अवधि को शामिल करते हुए दानपात्रों की राशि का आकलन किया जाए तो वर्ष भी में तीन करोड़ से भी ज्यादा चढ़ावा आ सकता है।

4 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह का चढ़ावा!

प्रबंध कमेटी से पूर्व देवस्थान विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर विकास व व्यवस्थाएं सुधारने का दावा करने वाले कथित सेवाधारी दान पात्रों से मात्र 4 से 5 हजार रुपए प्रतिमाह का चढ़ावा रिकॉर्ड पर बता रहे थे।

इस तरह वर्ष भर की राशि मात्र साठ लाख रुपए हुई। मोटे अनुमान को आधार माना जाए तो प्रति वर्ष करीब दो करोड़ से भी ज्यादा दान राशि का अनुमान आंका जा सकता है।