24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

प्री-बजट चर्चा : बजट में रखें ‘घर के बजट’ का खयाल

प्री-बजट चर्चा : महिलाओं की आम बजट से उम्मीदें

2 min read
Google source verification

अजमेर

image

Preeti Bhatt

Jan 22, 2020

प्री-बजट चर्चा : बजट में रखें ‘घर के बजट’ का खयाल

प्री-बजट चर्चा : बजट में रखें ‘घर के बजट’ का खयाल

अजमेर. सरकार का बजट (budget) भले ही वित्त मंत्री (Finance Minister) पेश करते हैं लेकिन घर-परिवार की असल वित्त मंत्री तो महिलाएं ही होती हैं। आय की तुलना में बढ़ते जा रहे खर्च और महंगाई को लेकर महिलाएं अब आम बजट से राहत की उम्मीदें लगाई बैठी है। राजस्थान पत्रिका की के साथ प्री-बजट चर्चा(Pre-budget discussion) में अधिकांश महिलाओं ने घर की रसोई से लेकर देश और प्रदेश की वित्तीय हालत पर विचार प्रकट किए। उन्होंने विशेषकर महिलाओं के लिए बजट में अलग से अनेक सुविधाएं और राहत देने के मुद्दे भी उठाए। महिलाओं का मानना है कि बदलते वक्त के साथ पुरुषों के साथ महिलाओं को भी व्यवसाय चलाने अथवा नौकरी करने जैसे मोर्चों पर कंधे से कंधा मिलाकर चलना पड़ता है ऐसे में सरकार को भी उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

Read more: शांति धारीवाल ने दिए निर्देश -झील के किनारे होंगे ये काम

रजिस्ट्री पर न्यूनतम शुल्क

सम्पत्ति की रजिस्ट्री के लिए फिलहाल महिलाओं को पुरुषों की तुलना में महज एक प्रतिशत की छूट मिलती है। बेहतर होगा कि बजट घोषणा में रजिस्ट्री पर मुद्रांक शुल्क महज एक प्रतिशत वसूला जाए। इससे महिलाओं को सम्पत्ति में भी बराबरी का हक मिल सकेगा।

-कविता बच्चानी

आयकर में अधिक राहत

अधिकांश परिवारों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी व्यवसाय अथवा नौकरी कर रही हैं। ऐसे परिवारों के लिए खास व्यवस्था होनी चाहिए कि महज एक ही सदस्य को आयकर चुकाना पड़े। सभी महिलाओं को आयकर में शत-प्रतिशत छूट दी जानी चाहिए।

-सोना गर्ग

कम ब्याज पर मिले ऋण

महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए न्यूनतम दरों पर ऋण की सुविधा दी जानी चाहिए। महिलाएं घर चलाने के लिए व्यवसाय खोलने में रुचि दिखा रही हैं लेकिन पेचीदा ऋण व्यवस्था और भारीभरकम ब्याज दर के कारण अपने सपनों को साकार नहीं कर पातीं।

-संगीता चाश्य

महिलाओं के लिए अलग बसें

महिला सुरक्षा के दृष्टिगत स्थानीय परिवहन के तहत महिलाओं के लिए अलग से बसों की व्यवस्था भी होनी चाहिए। महानगरों में लोकल ट्रेनों में इस तरह की व्यवस्था है लेकिन छोटे शहरों में चल रही बसों में भीड़भाड़ की वजह से महिलाओं का सफर करना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है।

-मेघा गर्ग

कम हो रसोई गैस के दाम

रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि से घर का बजट गड़बड़ाताहै। विशेषकर कम आय वर्ग के परिवारों के लिए रसोई गैस की बढ़ती दरें घर का बजट बिगाडऩे का काम कर रही हैं। खास बात यह है कि रसोई गैस प्रत्येक घर में उपयोग में लाई जा रही है लिहाजा रसोई गैस के दाम कम होने चाहिए।

-कोमल गोयल

महिला व्यवसायियों के लिए अलग बाजार

व्यापार मेले की तर्ज पर प्रदेश के सभी शहरों में कॉम्पलेक्स बनाएं जाने चाहिए। यहां केवल महिला व्यवसायियों को अपने उत्पाद बेचने की सहूलियत मिलनी चाहिए। सप्ताह अथवा पखवाड़े के आधार पर लगने वाले मेलों के लिए महिलाओं को न्यूनतम किराए पर दुकानें दी जानी चाहिए।

-सपना जिंदल

Read more: पंचायतराज चुनाव : 100 वर्षीय पूरी रावत ने उत्साह के साथ किया मतदान