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Pushkar Mela 2019: परिक्रमा पर निकले साधु-संत, आध्यात्मिक हुआ पुष्कर

इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य रहता है।

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अजमेर. पुष्कर में गुरुवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सरोवर में कार्तिक एकादशी का स्नान जारी है। घाट पर दीप प्रज्जवलन और विशेष पूजा-अर्चना (worship) जारी है। दान-पुण्य का दौर भी शुरू हो गया। साधु-संत (saints) भी पुष्कर परिक्रमा को निकल चुके हैं। समूचा माहौल आध्यात्मिक हो गया है।

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कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। महिलाएं, पुरुष, साधु-संत पुरोहित पुष्कर सरोवर (pushkar sarovar) पहुंच रहे हैं। संत पाठकजी महाराज, डॉ. कृष्णानंद सहित अन्य संत परिक्रमा को निकल चुके हैं। उनके साथ झांकियां और सवारियां भी साथ चल रही हैं। लोग जयकारे लगाते हुए साधु-संतों की अगवानी में जुटे हैं। पुष्कर सरोवर में स्नान का दौर जारी है।

लोग पुष्कर राज की जय…., हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए सरोवर में डुबकी लगाने में जुटे हैं. सभी 52 घाटों पर दीपदान और पूजा अर्चना का दौर भी शुरू हो गया है

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ये है स्नान की महत्ता
पुष्कर (pushkar) सरोवर में स्नान (holy dip)की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी.देवता भी पुष्कर सरोवर (sarovar) में स्नान करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य रहता है।

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बैंड बाजा और बारात…

देव प्रबोधिनी एकादशी पर शुक्रवार से शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों (,marriage ceremony)की शुरुआत होगी। चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम होंगे। बारात में बैंड-बाजों और ढोल की थाप पर लोग नृत्य करेंगे। पारम्परिक मान्यता के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्यए विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की पुनरू शुरुआत होती है। इसके तहत शुक्रवार से विवाह एवं शुभ कार्यों की शुरुआत होगी। इसके अलावा कई लोग एकादशी का व्रत रखेंगे। तुलसी विवाह का आयोजन भी होगा।

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