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अजमेर

जिम्मेदारों की चुप्पी से मेड़ता-पुष्कर रेल लाइन का बढ़ा इंतजार

-डीपीआर-सर्वे के बाद आगे नहीं बढ़ा काम -मारवाड़-मेवाड़ जुड़े तो होगा औद्योगिक विकासअजमेर.पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन का इंतजार अगले साल 2025 तक के लिए बढ़ गया है। बीते साल इस लाइन पर कार्य शुरू नहीं किया गया। इस साल इसकी लागत भी कई गुना बढ़़ गई है। खास बात यह कि अजमेर क्षेत्र से सांसद व […]

अजमेरDec 07, 2024 / 10:54 pm

Dilip

pushkar merta rail line

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-डीपीआर-सर्वे के बाद आगे नहीं बढ़ा काम

-मारवाड़-मेवाड़ जुड़े तो होगा औद्योगिक विकासअजमेर.पुष्कर-मेड़ता रेल लाइन का इंतजार अगले साल 2025 तक के लिए बढ़ गया है। बीते साल इस लाइन पर कार्य शुरू नहीं किया गया। इस साल इसकी लागत भी कई गुना बढ़़ गई है। खास बात यह कि अजमेर क्षेत्र से सांसद व रेलमंत्री भी राजस्थान के होने के बावजूद यह कार्य गति नहीं पकड़ रहा। इससे जिम्मेदारों के सरोकार सवालिया हैं। पिछले दस सालों में केवल डीपीआर व सर्वे कार्य ही हुआ है। जबकि भूमि अवाप्ति व उनके मुआवजे की कार्रवाई होनी है। इसके बाद ही आगे का काम हो सकेगा।प्रदेश से दो केन्द्रीय मंत्रीपुष्कर-मेड़ता लाइन के लिए प्राथमिकता से कार्य होने की उम्मीद इसलिए भी की जा रही है कि अजमेर के सांसद भी केंद्रीय राज्यमंत्री हैं व स्वयं रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव भी प्रदेश के पाली से जुड़ाव रखते हैं। इसके बावजूद दस साल से काम के गति नहीं पकड़ने से लोगों में मायूसी है।पर्यटन-औद्योगिक विकास अटकापुष्कर-मेडता लाइन जुड़ जाने के बाद अजमेर, नागौर व जोधपुर का सीधा जुड़ाव बीकानेर व आगे पंजाब से हो जाएगा। इससे अजमेर से पंजाब के अमृतसर तक का सीधा जुड़ाव होगा। पंजाब का जोधपुर के रास्ते मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के लिए आवाजाही का एक और विकल्प बनेगा। जिससे अजमेर से कई बड़े शहर जुड़ेंगे। बीकानेर के रास्ते कोयला व अन्य उद्योगों को गति मिलेगी।
प्रमुख स्टेशन – पुष्कर, नांद, कोड, रियां, जैसास व मेड़ता रोडआंकड़ों की जुबानी

2013-14- योजना का ऐलान59.18 किमी- रेल मार्ग की लंबाई362.99 करोड़- अनुमानित लागत स्वीकृति के समय330.12 करोड़- निर्माण कार्य लागत11.88 करोड़- विद्युत कार्य19.99 करोड़- सिग्नल एंड टेलिकॉम218 हैक्टेयर- रेलमार्ग की जमीन91.56- खातेदारी की जमीन43. 61- वन भूमि82.85 हेक्टेयर- सरकारी भूमि5- रेलवे क्रॉसिंग की संख्या20- अंडरपास.
इनका कहना हैयोजना के लिए निर्माण व अन्य तकनीकी इंजीनियरों की नियुक्ति हो गई है। भूमि अवाप्ति की प्रक्रिया चल रही है। जल्द कार्य गति पकड़ेगा।

भागीरथ चौधरीसांसद, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री

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