
Rabi crop : सिंचाई और धुएं से करें पाले से बचाव के उपाय
अजमेर.
शीतलहर से दिन और रात के तापमान में गिरावट के कारण पाला पडऩे की संभावना बनी हुई है। कृषि विभाग की ओर से फसलों को बचाने के लिए कृषकों को विभिन्न उपाय करने की सलाह दी गई है। कृषि विभाग के उपनिदेशक वी. के. शर्मा ने बताया कि पाले की आशंका पर फसलों में क्रान्तिक अवस्थाओं में सिंचाई करें।
फसलों में निराई-गुडाई की जाए, ताकि भूमि की नमी संरक्षित हो सके। फसलों से खरपतवार निकालकर कतारों के बीच में बिछाकर मल्चिंग करने से पाले की संभावना कम हो जाती है। पानी के अनुकूलतम उपयोग के लिए पाइप लाइन, ंिसंचाई की पक्की नालियों का इस्तेमाल करें तथा यथासंभव स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति से सिंचाई करें।
रात को पाला पडऩे की संभावना को देखते हुए खेत के उत्तरी पश्चिमी दिशा से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेतों के किनारे, बोई हुई फसल के आस-पास, मेडों पर रात्रि में कूडा कचरा या अन्य व्यर्थ घास फूंस जलाकर धुआं करें। यथा संभव संवेदनशील फलदार पौधे एवं सब्जियों को टाट के टुकड़ों से ढंके।
पाला पडऩे की संभावना पर फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत घोल का छिड़काव करना चाहिए। इसके लिए एक लीटर गंधक के तेजाब को एक हजार लीटर पानी का घोल बनाकर एक हैक्टेयर क्षेत्र में प्लास्टिक के स्प्रेयर से ही छिड़काव करें। पाले की संभावना बनी रहने पर तेजाब के छिड़काव को 15-15 दिन के अंतर से दोहराएं।
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए नुकसानदेह
अजमेर. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की पालना में शुक्रवार को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सुरेश कुमार सिंधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए। बैठक में सिंधी ने कहा कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
उसके स्थान पर बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उपयोग किया जाना चाहिए। जिले में प्रतिबंधित प्लास्टिक की जब्ती के कार्य में तेजी लाने के साथ ही जब्त प्लास्टिक को प्लांट में भेजना सुनिश्चित किया जाए। कलक्ट्रेट सहित समस्त राजकीय कार्यालयों के आस-पास जब्ती की कार्यवाही सख्ती से अंजाम दी जाए। घर-घर कचरा संग्रहण के दौरान ही गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इक्_ा किया जाए।
साथ ही हानिकारक कचरे के लिए अलग पात्र रखा होना चाहिए। अजमेर नगर निगम द्वारा ट्रासंफर स्टेशन की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। कचरे के ट्रांस्पोर्टेशन से पहले उसका पृथकीकरण आवश्यक है। डम्पिंग यार्ड तक कचरा ले जाने वाले वाहन पूरी तरह से ढंकेहुए होने आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि आनासागर एसटीपी तथा मंगलम एपार्टमेंट के पीछे के निर्धारित स्थान में ही इसे डाला जाए। रोजाना 100 किलो से ज्यादा के अपशिष्ट पैदा करने वाली संस्थाओं को ब्लक वेस्ट जनरेटर लगाना आवश्यक है। जैविकीय अवशिष्टों के निस्तारण के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में स्थानीय निकाय विभाग की उपनिदेशक अनुपमा टेलर, जिला परियोजना प्रबंधक एस. के. सिंह आदि मौजूद थे।
Published on:
03 Jan 2020 11:19 pm
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