
raghunath temple pushkar
ब्रह्मा मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन रघुनाथ मंदिर में रामनवमी के दिन करीब सौ साल में पहली बार भगवान राम का प्राकट्य महोत्सव सार्वजनिक रूप से समारोहपूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं ने पहली बार मंदिर में स्थित राम-सीता की प्रतिमाओं के दर्शन पूजा की। इससे पहले राम नवमी के दिन ब्रह्मा मंदिर के पुजारी चंद लोगों के साथ पूजा करके रघुनाथ मंदिर कपाट बंद कर देते थे। इसके बाद पूरे वर्ष राम-सीता की प्रतिमाएं बंद कपाट में ही रहती थी।
ब्रह्मा मंदिर में प्रवेश करते समय पहली सीढ़ी के बायीं तरफ स्थित प्राचीन रघुनाथ मंदिर में राम-सीता की प्रतिमाएं स्थापित हैं। लेकिन पिछले सौ साल में इस मंदिर के कपाट बंद ही रहे। मंदिर में कई महंत पदासीन हुए लेकिन मंदिर में पूजा की सार्वजनिक व्यवस्था नहीं हो पाई। इस मंदिर के मुख्य द्वार पर जूते-चपले रखने के नाम पर अतिक्रमण करके सामान रखकर बंद कर दिया गया। महंत सोमपुरी के निधन के बाद जिला कलक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में गठित अस्थायी प्रबंध कमेटी ने नई व्यवस्था दी और राम मंदिर के मुख्य द्वार से किए गया अतिक्रमण हटाया गया। रविवार को चैत्र नवरात्र के आखिरी दिन रामनवमी मंदिर के कपाट आमजन के दर्शनार्थ खोले गए तथा सार्वजनिक रूप से राम प्राकट्य दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। इस दौरान भजन संकीर्तन हुआ तथा प्रसाद वितरण किया गया।
नहीं देखी लक्ष्मण की मूर्ति
प्राचीन रघुनाथममंदिर में राम-सीता की प्रतिमा के पास केवल चरणपादुकाएं स्थापित हैं। आम जन का कयास था कि राम के साथ लक्ष्मण की प्रतिमा थी जो खंडित करके चुरा ली गई। इस बारे में ब्रह्मा मंदिर के पुजारी 62 वर्षीय लक्ष्मीनिवास वशिष्ठ का कहना है कि उन्होंने इस मंदिर में हमेशा ही राम-सीता की प्रतिमाएं व पास में चरण पादुकाएं ही देखी हैं। लक्ष्मण या अन्य देवता की प्रतिमा नहीं देखी है।
पुजारी ने की पुष्टि
ब्रह्मा मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनिवास वशिष्ठ के अनुसार पिछले 52 वर्षों से रघुनाथ मंदिर में सार्वजनिक रूप से कोई समारोह नहीं मनाया गया और न ही इस मंदिर के कपाट आमजन के लिए खोले गए। केवल चैत्र मास की रामनवमी तिथि को वे और मंदिर के चार पांच लोग आकर मंदिर में विराजित राम-सीता की सूक्ष्म पूजा करते रहे हैं। इससे पूर्व भी मंदिर के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए नहीं खुले।
रोज होगी पूजा अर्चना पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन रघुनाथ मंदिर को आमजन के दर्शनार्थ खुला रहेगा तथा इस मंदिर में अब रोजाना पूजा अर्चना की व्यवस्था की जाएगी।
- गौरव गोयल, जिला कलक्टर अजमेर
Published on:
26 Mar 2018 07:15 am
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