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Rain shaver: साल की पहली मावठ शीतलहर ने छुड़ाई धूजणी

समूचा जिला शीतलहर की चपेट में रहा। रुक-रुक टपका-टपकी दौर चला। इसस जनजीवन पर भी असर नजर आया।

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rain in ajmer city

rain in ajmer city

अजमेर. पौष में मावठ ने मंगलवार सुबह से अजमेर शहर सहित जिले के विभिन्न इलाकों को भिगोया। कोहरे और बादलों ने आसमान को जकड़े रखा। सूरज के दर्शन भी नहीं हुए। समूचा जिला शीतलहर की चपेट में रहा। रुक-रुक टपका-टपकी दौर चला। इसस जनजीवन पर भी असर नजर आया।

बादलों ने अलसुबह 4 से 5 बजे चुप्पी तोड़ी। शहर के वैशाली नगर, लोहागल रोड, कायड़ रोड, जयपुर रोड, सिविल लाइंस और अन्य इलाकों में फुहारें गिरीं। इसके बाद सुबह 8 से 9 बजे के दौरान रिमझिम बारिश का दौर चला। अजमेर में बारिश से सड़कें गीली हो गई।

जिले में भी बरसात

जिले में भी मावठ का दौर चला। पुष्कर में सुबह से छाए बादल टपका-टपकी करते रहे। सराधना, तबीजी, डुमाडा, पीसांगन-मांगलियावास इलाके में भी बरसात हुई। गगवाना, गेगल, घूघरा, कायड़, कांकरदा-भूणाबाय, होकरा, माकड़वाली सहित अन्य इलाकों में भी फुहारें गिरीं।

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अजमेर. अजमेर सहित देश के चार अन्य राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल का नजारा इस साल बदल जाएगा। देशभर की छात्राएं पहली बार छठी और नवीं कक्षा में दाखिलों के लिए 23 जनवरी को होने वाली संयुक्त मिलिट्री स्कूल प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगी। परीक्षा में पास होने वाली छात्राओं को वरीयतानुसार सत्र 2022-23 में प्रवेश मिलेंगे।अजमेर में 15 नवम्बर 1930 को तत्कालीन ब्रिटिश-भारत सरकार ने किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) स्थापित किया गया था। इसके अलावा धौलपुर, हिमाचल प्रदेश के चैल, कर्नाटक के बेलगाम और बेंगलूरू में राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल खोले गए। अब तक इनमें छात्र ही पढ़ते रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने बीते साल सभी मिलिट्री, सैनिक स्कूल, राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री स्कूल में छात्राओं को प्रवेश देने का फैसला किया।