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Rajasthan News मार्कशीट के बाद सवा लाख रुपए में बनाया फर्जी वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट, 2 आरोपी गिरफ्तार

आरपीएससी :व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2022, दोनों आरोपी 4 दिन के रिमांड पर

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अजमेर

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Manish Singh

Jul 02, 2024

मार्कशीट के बाद सवा लाख रुपए में बनाया फर्जी वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट, 2 आरोपी गिरफ्तार

व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2022 फर्जी मार्कशीट के मामले में एसओजी की गिरफ्त में आया सुनील विश्नोई व सोमेश गोदारा।

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग की व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जी मार्कशीट प्रकरण में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर व बजरी व्यवसायी को गिरफ्तार किया है। दोनों ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री जारी किए जाने से इनकार के बाद वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी फर्जी बना दिया। सोमवार सुबह एसओजी ने उन्हें कोर्ट में पेशकर 4 दिन के रिमांड पर लिया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसओजी अजमेर) मुकेश सोनी ने बताया कि हिन्दी व्याख्याता भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जी मार्कशीट मामले में अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में चार्जशीट पेश की जा चुकी है। प्रकरण में शेष रहे जोधपुर निवासी सोमेश गोदारा (30) व पाली निवासी सुनील विश्नोई (35) को गिरफ्तार किया है। उनसे फर्जी वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट के संबंध में पड़ताल की जा रही है। प्रकरण में अभी एसओजी को अन्य की तलाश है। एसओजी की ओर से प्रकरण में पूरक चार्जशीट पेश की जाएगी।

सवा लाख में बना सर्टिफिकेट

पड़ताल में आया कि आरपीएससी ने अभ्यर्थी ब्रह्माकुमारी व कमला कुमारी की मार्कशीट के संबंध में मेवाड़ यूनिवर्सिटी से सत्यापन सर्टिफिकेट मांगा। यूनिवर्सिटी की ओर से मार्कशीट के संबंध में इनकार करने के बाद ब्रह्माकुमारी के भाई रेजीडेंट रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुरेश विश्नोई ने साथी चिकित्सक डॉ. सुरेश खींचड़ के जरिए सुनील विश्नोई से सम्पर्क किया। सुनील ने सवा लाख रुपए में ब्रह्माकुमारी व कमला विश्नोई की मार्कशीट का वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनाने की गारंटी ले ली।

सोमेश ने बनाई या बनवाया सर्टिफिकेट

बजरी व्यवसायी सुनील विश्नोई ने वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनवाने के लिए जोधपुर में निजी विद्यालय में शिक्षक सोमेश गोदारा से सम्पर्क किया। सोमेश के पास कम्प्यूर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की भी डिग्री है। उसने कमला व ब्रह्माकुमारी की फर्जी मार्कशीट की मेवाड़ यूनिवर्सिटी के नाम पर ही फर्जी वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट बनवा दिया। यह सर्टिफिकेट सोमेश ने स्वयं ने बनाया या किसी अन्य की मदद ली यह एसओजी के अनुसंधान में स्पष्ट हो सकेगा।

सम्पर्क में था सोमेश

एसओजी की पड़ताल में आया कि सुशील व सोमेश पूर्व में गिरफ्तार डॉ. सुरेश विश्नोई से सोशल मीडिया पर सम्पर्क में थे। वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज बनवाने के लिए उनमें लगातार बातचीत हो रही थी। ब्रह्माकुमारी को जिस दिन आयोग ने बुलाया था उस दिन भी डॉ. सुरेश विश्नोई व सोमेश के बीच में चैट हुई। एसओजी को डॉ. विश्नोई के मोबाइल में सोमेश की चैट मिली है।

अब तक 7 गिरफ्तार, भेजा जेल

- 20 मार्च को अभ्यर्थी कमला व ब्रह्मा कुमारी गिरफ्तार

- 21 मार्च को कमला का भाई शिक्षक दलपत सिंह

- 22 मार्च को ब्रह्माकुमारी का भाई डॉ. सुरेश विश्नोई

- 13 अप्रेल को मेवाड़ युनिवर्सिटी का डीन कौशल चंद्रूल

- 5 जून को मेवाड़ यूनिवर्सिटी का डिप्टी कन्ट्रोलर (एग्जाम) सुशील शर्मा

- 5 जून को मेवाड़ यूनिवर्सिटी का सेक्शन ऑफिसर राजेश सिंह राणावत

- 19 जून को एसओजी ने अदालत में चार्जशीट पेश कर दी