
बीसलपुर बांध। फोटो- पत्रिका
राजस्थान के कई शहरों व गांवों की जीवनरेखा माने जाने वाले बीसलपुर बांध में इस बार मानसून की शुरुआत से ही पानी की जबरदस्त आवक हो रही है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को बांध का जलस्तर 313.38 आरएल मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष 17 अगस्त को दर्ज 313.15 मीटर के स्तर से करीब डेढ़ माह पहले ही पार हो गया है।
इस तेजी से बढ़ते जलस्तर ने इस वर्ष बांध के समय से पहले ओवरफ्लो होने की संभावना को प्रबल कर दिया है। बांध में 2 जुलाई की सुबह 6 बजे जलस्तर 312.67 आरएल मीटर था, जो महज 24 घंटे में बढ़कर 313.25 मीटर हो गया। 3 जुलाई को शाम 6 बजे तक यह स्तर 313.38 आरएल मीटर दर्ज किया गया। इसमें 24.263 टीएमसी यानी कुल भराव क्षमता का 62.70 प्रतिशत जल संग्रह हो चुका है।
सिंचाई विभाग के अनुसार इस समय बांध में हर दो घंटे में औसतन 10 सेंटीमीटर जल आवक हो रही है। बांध के मुख्य जलस्रोत त्रिवेणी संगम बेड़च, मेनाली व बनास नदियों का संगम स्थल पर इस समय 4 मीटर की ऊंचाई तक पानी बह रहा है। गुरुवार दोपहर तक यह स्तर 7 मीटर तक पहुंच गया, जो इस मानसून सत्र का सबसे ऊंचा स्तर है और पिछले कई साल में ऐसा पहली बार हुआ है। यहां स्थित भगवान शिव का मंदिर आधा जलमग्न हो चुका है।
बीगोद पुलिया पर पानी का प्रवाह देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हो रहे हैं। इसी के साथ मांडलगढ़ क्षेत्र स्थित गोवटा बांध भी गुरुवार को छलक गया। यहां से निकलने वाला अतिरिक्त पानी भी त्रिवेणी में मिलकर बीसलपुर बांध तक पहुंचेगा। त्रिवेणी में आए इस उफान का कारण चित्तौड़गढ़ और ऊपरमाल क्षेत्र में हुई भारी बारिश मानी जा रही है।
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उल्लेखनीय है कि बीसलपुर बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। जानकारों का मानना है कि अगर जल आवक की यही गति बनी रही तो बांध इस वर्ष सितंबर से पहले ही ओवरफ्लो हो सकता है। पिछले वर्ष बीसलपुर बांध 6 सितंबर को ओवरफ्लो हुआ था, लेकिन इस बार रिकॉर्ड समय में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
बीसलपुर बांध से अजमेर, जयपुर और टोंक जिलों को प्रतिदिन करीब एक हजार मिलियन लीटर पेयजल की आपूर्ति की जाती है। ओवरफ्लो की स्थिति में अतिरिक्त पानी ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के अंतर्गत बनाए गए ईसरदा बांध में संग्रहीत किया जाएगा।
Updated on:
04 Jul 2025 04:26 pm
Published on:
03 Jul 2025 08:19 pm
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