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Rajasthan diwas: ये है राजस्थान का जीरो पॉइंट, धड़कता है यहां दिल…

इस केंद्र से ही अजमेर शहर सहित पूरे राज्य के विभिन्न जिले के अन्य शहरों-गांवों और ढाणियों की दूरियां मापी जाती है।

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zero point of rajasthan

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

अजयमेरू अथवा अजमेर शहर भौगोलिक दृष्टि से राजस्थान के बिल्कुल मध्य में स्थित है। सेंटर पॉइंट पर होने से अजमेर से राज्य के सभी प्रमुख शहरों की अधिकतम दूरी 270 से 300 किलोमीटर है। अजमेर शहर का केंद्र बिंदू (जीरो माइल)आगरा गेट स्थित रॉबसन मेमोरियल चर्च के निकट है। यही वह सेंटर पॉइंट हैं जहां राजस्थान का भी दिल धड़कता है। इस केंद्र से ही अजमेर शहर सहित पूरे राज्य के विभिन्न जिले के अन्य शहरों-गांवों और ढाणियों की दूरियां मापी जाती है। जिस तरह महाराष्ट्र का नागपुर शहर भारत का केंद्र बिंदू है। यहां से देश के अन्य शहरों की दूरियां मापी जाती है। उसी तरह अजमेर का जीरो माइल भी राजस्थान का केंद्र बिंदू है।

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अजमेर.आधुनिक दौर में अति विशिष्ट व्यक्तियों के बड़े आवास और जेड प्लस जैसी सुरक्षा हो, लेकिन अजमेर में रियासतकाल से सुरक्षा के मजबूत बंदोबस्त थे। शैक्षिक और धार्मिक नगरी होने केकारण आसपास के राजघरानों ने अजमेर को खास महत्ता दी। शहर के परकोटे और बाहरी इलाकों में कई राजपरिवारों द्वारा बनाए गए बड़े बंगले-कोठी और हवेलियां इसकी प्रमाण हैं। जयपुर रोड-आगरा गेट पर भिनाय के राजपरिवार ने 18 वीं शताब्दी में आगरा गेट चौराहे के निकट एक शानदार कोठी का निर्माण कराया। यहां भिनाय राजपरिवार के सदस्य निवास भी करते थे। यह कोठी एक तरह से अजमेर के प्रवेश द्वार की सुरक्षा भी थी। वेदों की ओर लौटने का संदेश देने वाले ऋषि दयानंद सरस्वती का निर्वाण इसी भिनाय कोठी में हुआ।

नया बाजार में बांदनवाड़ा हवेली
नया बाजार में बांदनवाड़ा राजपरिवार ने करीब सौ वर्ष पूर्व बड़ी हवेली का निर्माण कराया। बांदनवाड़ा राजपरिवार के तत्कालीन महाराजा और उनका परिवार यहां रहा। हवेली की सुरक्षा के लिए सैनिक तैनात रहते थे। शहर के मध्य में होने से सैनिक आसपास के इलाकों पर निगाहें रखते थे।
सीआरपीएफ में मसूदा हाउस
मौजूदा सीआरपीएफ ग्रुप केंद्र प्रथम में मसूदा राजपरिवार द्वारा शानदार बंगला बनवाया गया। इसे मसूदा हाउस कहा जाता था। सीआरपीएफ बनने से पहले मसूदा राजपरिवार इसी इलाके में रहता था। राजपरिवार के कई सदस्य मेयो कॉलेज में पढ़ते थे। 1947 में आजादी मिलने और सीआरपीएफ के गठन के बाद मसूदा हाउस केंद्र सरकार को सुपुर्द किया गया। यह बंगला अपने डिजाइन और भव्यता के चलते मशहूर है।