
Ramadan month 2019
अजमेर.
रमजान मुस्लिम समुदाय के लिए मुबारक महीना माना जाता है। पूरे माह लोग रोजे रखने के अलावा अल्लाह की इबादत करते है। मस्जिदों, दरगाहों में लोग इबादत में डूबे रहते हैं। इस दौरान रोजेदारों के लिए कई जगह इफ्तार भी होती है। जिसमें विभिन्न समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
लोग करेंगे खुदा की इबादत
मुस्लिम कलैंडर में रमजान को सबसे मुबारक महीना समझा जाता है। इसका सीधा ताल्लुक खुदा की इबादत, त्याग, नेक काम करने से जुड़ा है। रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय विशेष रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान लोग कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं। इसमें बुजुर्गों-बीमारों और अबोध बच्चों को ही विशेष छूट मिलती है। अजमेर में भी महीने भर तक ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह, अकबरी, शाहजहांनी मस्जिद सहित विभिन्न मस्जिदों में लोग खुदा की इबादत करेंगे। अजमेर के असापास के इलाकों में भी यही सिलसिला चलेगा।
इफ्तार का होता है आयोजन
रमजान के दौरान विभिन्न समुदाय के लोग मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए इफ्तार का आयोजन करते हैं। यह एक तरह से परस्पर सेवा, सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक समझा जाता है। इफ्तार के दौरान विशेष तौर पर खजूर, केले-सेब, मिठाई और अन्य सामग्री रखी जाती है।
रमजान की विशेष बातें.....
-रमजान को नेक और पुण्य कार्यों के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। इस दौरान लोग खुदा की इबादत में डूबे रहते हैं
-यह महीना गरीब और जरुरतमंदों के साथ हमदर्दी का माह होता है। ऐसी मान्यता है कि रोजेदार को इफ्तार कराने से बड़ा पुण्य मिलता है।
-रमजान के दौरान लोग कई धार्मिक कार्य करते हैं। इस दौरान कुरान की तिलावत, ऐतेकाफ और अन्य का महत्व होता है।
Updated on:
15 May 2019 09:13 pm
Published on:
05 May 2019 04:21 pm
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